शिलालेख
काव्य साहित्य | कविता कहफ़ रहमानी 'विभाकर'28 Feb 2014
मानवता के
शिलालेखों पर अंकित
इतिहास नया
कलियुग का।
विषयाडंबर के
प्रांगण में शब्दश:
परिहास नया
कलियुग का।
क्या शिवत्व? क्या उपासना?
प्रचण्ड वासना!
अन्तरात्मा के
प्रचोदन से निर्मित
उपहास नया
कलियुग का।
हूँ चितेरा युग-युग का
अरे, बदलूँगा बारंबार
इतिहास नया
कलियुग का।
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