शिव प्रार्थना
काव्य साहित्य | कविता देव दीपक15 Mar 2021 (अंक: 177, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
हे महादेव शंभो हे केदार
आ पहुँचा हूँ तेरे द्वार
शरणागत हूँ इन चरणों में
अब तो कर दो मेरा उद्धार
हे नीलकंठ तुम स्वामी मेरे
तुम ही हो छाया तुम ही संसार
मैं अज्ञानी हूँ अब तेरे भरोसे
अब तो कर दो मेरा उद्धार
हे पशुपतिनाथ हे कैलाशी
आपकी महिमा है अपरम्पार
मैं चक्रव्यूह में फँसा हुआ हूँ
अब तो कर दो मेरा उद्धार
हे मंगलकारी हे त्रिनेत्रधारी
तुम सब गुणों के हो भंडार
मेरे सब अवगुण नाश करो
अब तो कर दो मेरा उद्धार
हे त्र्यंबकेश्वर हे महाकाल
हे विश्वनाथ हे पालनहार
नष्ट करो संताप जीव का
अब तो कर दो मेरा उद्धार
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