श्राद्ध
कथा साहित्य | लघुकथा भगवान अटलानी15 Mar 2021 (अंक: 177, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
“इस बार आपके पिताजी को छोड़कर मैं किसी का श्राद्ध नहीं करूँगी,” पत्नी ने घोषणा की।
हतप्रभ पति ने पूछा, “क्यों?”
“आपके पिताजी को मैंने देखा है। जिनको देखा ही नहीं, उनका श्राद्ध नहीं करूँगी।”
पति सोच रहे थे, बेटे की शादी होने से पहले अगर मेरी मृत्यु हो गई तो ऐसी ही घोषणा उसकी वधू कर सकती है।
अगले दिन उन्होंने अपनी वसीयत पंजीकृत कराई, “मेरी मृत्यु के बाद श्राद्ध न कराया जाये।”
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं