तन्हा नहीं कटते
काव्य साहित्य | कविता एकता नाहर30 Mar 2012
तन्हा नहीं कटते
ज़िन्दगी के रास्ते,
हमसफ़र किसी को
तो बनाना चाहिए था
शब के अँधेरे
गहरे थे बहुत,
मेरे लिए चिराग किसीको
तो जलाना चाहिए था
रोते हुए दिल की बात
वो समझ ना सके,
शायद आँखों को भी
आँसू गिराना चाहिए था
यूँ ही ऐतबार कर बैठे
एक अजनबी पर हम,
एक बार तो उस शख़्स को
आज़माना चाहिए था
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