तू नज़र आई न
शायरी | ग़ज़ल कु. सुरेश सांगवान 'सरू’1 Apr 2019
मेरी दादी माँ स्व. श्रीमती छन्ना देवी (स्वर्गवास - 4 फ़रवरी 2019) को समर्पित!
तू नज़र आई न वैसा घर नज़र आया मुझे
माँ तेरे बिन और ही मंज़र नज़र आया मुझे
ख़्वाब हसरत प्यार उल्फ़त हौसला है चीज़ क्या
माँ तेरी ही छाँव में रहकर नज़र आया मुझे
जिस ख़ुदा जिस ईश्वर की बात करते लोग हैं
अक्स उसका भी तेरे अंदर नज़र आया मुझे
माँ गुरु तू रहनुमा तू और मेरी जान भी
हाथ तेरा हर समय सर पर नज़र आया मुझे
आस्माँ सा दिल सितारे जैसे हों आँचल तेरा
और आँखों में कोई सागर नज़र आया मुझे
मैं कहाँ जाऊँ कहाँ देखूँ तुझे अब ये बता
ना कहीं तू ना तेरा पैकर नज़र आया मुझे
जानती हूँ ये ज़माना एक मुश्त- ए- ख़ाक़ है
कीमती गौहर तू ही ज़ेवर नज़र आया मुझे
तू सदा ही साथ थी जब मैं सजाती ख़्वाब थी
हसरतों का काफ़िला बेघर नज़र आया मुझे
प्यार की मीठी धुनें भंडार माखन दूध के
दर तेरा ही श्याम का मंदिर नज़र आया मुझे
हाल क्या है क्या बताएँ ज़िंदगी का बिन तेरे
था बहारों का समाँ पतझर नज़र आया मुझे
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
Akshaya 2019/04/12 03:36 PM
Bahaut acha likha hai. Kaafi sacchai hai aapki baato Mei. Ati uttam !!
राघव 2019/04/11 04:25 PM
मर्मस्पर्शी... जय हो!
सुरेन्द्र शाक्य . est mgr भूतपूर्व 2019/04/06 03:14 AM
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ । माँ तो माँ होती हैं दादी माँ तो और भी प्यार से बढ़कर प्यार यानी परम्प्रिय । उन परम पूज्य दादी माँ को समर्पित । अति sunderr...उनका आशीर्वाद सदैव हम सब पर रहेगा । thnx
Anikait 2019/04/05 09:03 AM
माँ के विषय मे जितना कहा जाए कम है सभी पंक्तिया मेरे दिल को छू गई इस अद्भुत रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई <3
Davinder 2019/04/05 02:49 AM
Really good one
Lalit 2019/04/05 02:18 AM
Beautiful lines, really I feel proud science people can write so nice,
Gayatri 2019/04/05 02:03 AM
Beautiful expression. Mujhe meri daadi yaad aa gayi...
Meena Goswami 2019/04/05 01:32 AM
Excellent.
Narender Gahlawat 2019/04/05 01:05 AM
Wow amazing bhaut accha heart touching all the words are very true full of love and a sweet feel of nice bonding very true
Surender singh 2019/04/04 11:43 PM
Really heart touching
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
ग़ज़ल
- अगर सारा ज़माना चाहिए था
- अपनी ख़बर मिली न पता आपका मुझे
- अब तो आ बाद-ए- सबा इन बस्तियों के वास्ते
- अश्क जब नैनों में आने लगते हैं
- आँखों में तेरे ही जलवे रहते हैं
- आओ इक तस्वीर ले लें यार की हंसते हुए
- आदमी प्यार में सोचता कुछ नहीं
- आप आये तो बहारों के ज़माने आए
- आपको आज इक नज़र देखा
- आम कीजिए मुझे ख़ास कौन कर गया
- इक बेटी की भाव भीनी श्रद्धांजलि
- इस गली में न उस डगर जाएँ
- इस दुनियाँ-ए-फ़ानी में क्यूँ रोता है
- उसके जाने से है ख़ला कोई
- ए दिल मिरे तू बोल मैं कविता पे कविता क्या लिखूँ
- कहो इश्क़ का आस्ताना कहाँ है
- काम कैसा अजब कर गई ख़्वाहिशें
- कोई अच्छी लगी है सूरत क्या
- कौन समझा है कौन जाना है
- क्या करूँ कोई मुझे जमता नहीं
- क्या पढूँ ग़ज़लें लिखूँ अशआर मैं
- ख़ुदा की मेहरबानी या कोई इकराम समझेंगे
- गीत ग़ज़लों की ज़ुबाँ थे पहले
- गो कहीं से भी ख़ुशी ले आओ मेरे वास्ते
- चमकते चाँद सी मुस्कान फूलों सी हँसी उसकी
- चरागाँ ये सूरज सितारे न होंगे
- चले आना तेरे रस्ते में मैं पलकें बिछाऊँगी
- चले हैं लोग मैं रस्ता हुआ हूँ
- जवां हो प्यार तो किसको अदाकारी नहीं आती
- जो मिरे सामने नज़ारा है
- तू नज़र आई न
- तेरी संगत से ही राहत होती है
- दिल अगर बीमार सा है सोचिए
- दिल कहाँ मुब्तिला है उसे क्या पता
- दिल का राज़ छुपाना था
- दिलबर की सूरत आँखों में तारी रख
- दिलबर तेरे ख़्याल का पैकर नहीं हूँ मैं
- दुनिया से जुदा प्यार का क़िस्सा है हमारा
- दो दिलों में आशिक़ी का रंग वो पैदा हुआ
- दौर कोई इम्तिहानी चाहिए
- निभाने को रिश्ता झुका तो बहुत हूँ
- नूर चेहरे पे निगाहों में यक़ीं पाते हैं
- परवाने को उधर ही गुज़ारा दिखाई दे
- पेश आते हैं वो प्यार से आजकल
- प्यार के ख़ुशनुमा ज़माने थे
- बच तो नहीं सकेंगे कॅरोना के जाल से
- बे-सबब मुस्कुराना नहीं चाहिए
- भटकते रास्ते हैं और दिल में ग़म-ऐ-जानां है
- मज़े में सुहाना सफ़र कीजिए
- मिरी लाडली है मेरी जान है तू
- मिले हैं सिलसिले ग़म के मुहब्बत के समंदर में
- मुहब्बत इनायत दुबारा न कर दे
- मुहब्बत और अखुव्वत के गुलो गुलशन खिलाने हैं
- मुक़द्दर में सभी के बेटियाँ
- मैं तिरे नज़दीक़ आना चाहती हूँ
- यूँ तेरी याद से राब्ता रह गया
- रंग बदलूं कि रोशनी बदलूं
- रहती है मंज़िल मेरी मुझसे आगे
- राह में हम अपनी ही दीवार बन कर रह गये
- रुक गया है कारवाँ इतवार कैसे हो गया
- रुत बहारों की सुहानी चाहिए
- वफ़ा में चूर गर ये आपकी फ़ितरत नहीं होती
- वस्ल में उनकी तबीयत फ़ाम कर लें
- वही ग़लती दुबारा क्यूँ करे कोई
- वो लम्हा जो तुमको छूकर जाता है
- सहरा कहीं हयात कहीं दाम आ पड़ा
- साँसों में जब तक रफ़्तारी रहती है
- साथ गर आपका नहीं होता
- हम पुकारा किए ज़िंदगी ज़िंदगी
- हर किसी से न वास्ता रखना
- हर जगह हर पल तुझे ही ढूँढती रह जाएगी
- है इश्क़ अब ताजिराना कैसा
- है ख़ाली अभी सर में सौदा नहीं है
- ख़ुद को ऊँचा जो नाप जाता है
- ख़ुदनुमाई के कभी आलम नहीं थे
- ख़ूबसूरत याद जब तन्हाई को महका गयी
- ख़्वाबों की फ़हरिस्त लगा दी
नज़्म
कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं
Sunita 2019/04/12 04:58 PM
Ek ek akshar pyar se gadha hua. Ek ek line Mann ko chhoo lene wali. Really great.