तवायफ़
काव्य साहित्य | कविता योगेश कुमार ध्यानी22 Jan 2016
वक़्त ग्राहक था
हालात कोठा
और वो
भागने की चाह में,
बंद कोठे में क़ैद
कोई तवायफ़
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और वो
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बंद कोठे में क़ैद
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