वरना मैं शायद...
काव्य साहित्य | कविता वीरेन्द्र कुमार कौशल15 Aug 2019
तेरे अश्कों ने तो दिया हमें बेवज़ह मार
तेरी मुस्कराहट ने ले ली हमारी जान उधार
तेरे रूप ने करा दिया आग से प्यार
तेरे हुनर ने करा दिया जिज्ञासा का दीदार
तेरे हुस्न के तीर हुए दिल के आर-पार
तेरे साथ ने लगा दी जीवन नैया पार
वरना मैं शायद किसी काम का न रहा
वरना मैं शायद...
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