वर्ष नया आएगा
काव्य साहित्य | कविता पवन शाक्य17 Jan 2008
वर्ष नया आएगा मिलने
शुभ प्रभात की वेला में
नई नई आशा की कलियाँ
फूल खिलाने मधुवन में
तेज प्रखर देगा हम सबको
सफल बनाने को जीवन में
कदम स्वयं ही मुड़ जाएँगे
सफलताओं के नव उपवन में
मधुर-मधुर संबंध बढ़ेंगे
सुख समृद्धि आएगी
मंगल पावन प्रीति बढ़ाने
नवल पवन लहराएगी
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