अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

वे वोट क्यों नहीं देते?

उनकी उम्र साठ वर्ष से अधिक हो गई है और आज तक उन्होंने कभी मतदान में हिस्सा नहीं लिया। जब उनसे पूछा गया कि कभी भी उन्होंने मतदान में भाग क्यों नहीं लिया तो जो तर्क उन्होंने दिये वे बड़े सारगर्भित लगे। कुछ उत्तर पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए दे रहा हूँ ताकि आवश्यकता के समय काम आएँ।

  1. आज तक मैं किसी काम के लिए लाइन में खड़ा नहीं हुआ। मतदान के समय मुझसे उम्मीद क्यों करनी चाहिए?
  2. मेरे घर के सबसे वरिष्ठ व्यक्ति मत डाल ही आते हैं, परिवार के वही प्रतिनिधि हैं, अब हमें मत देने की क्या ज़रूरत?
  3. मैं वोट देने जा रहा था पर मुझे डर था कि वहाँ इतना समय न लग जाए कि सुपर मार्केट बंद हो जाए?
  4. मैं इसलिए मत नहीं डालता कि क्योंकि मेरे मित्र अच्छी तरह जानते हैं कि प्रजातंत्रीय व्यवस्था पर मेरे क्या विचार हैं?
  5. स्कूल या मतदान स्थल के पास समुचित पार्किंग व्यवस्था नहीं थी।
  6. मैंने देर रात तक फिल्म देखी और सो गया फिर सुबह नींद ही नहीं खुली।
  7. मैंने सुबह वोट नहीं दिया और दोपहर बाद मालूम पड़ा कि भीड़ अचानक बढ़ गई है।
  8. मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी नेताओं के अभिमत टी.वी. पर सुन लिए थे, क्या इससे भी बड़ा देशभक्ति का कोई काम हो सकता था? फिर वोट देने की आवश्यकता नहीं समझी।
  9. गई बार जिस उम्मीदवार को मैं मत देने वाला था वह तो हार गया, विरोधी जीता था, इस तरह मेरा दिया हुआ वोट बेकार चला जाता। अपना अमूल्य मत मैं इस प्रकार कचरे में फेंकने का आदी नहीं।
  10. मेरी अंगुली दर्द करती है किसी भी दल या व्यक्ति के विरुद्ध वह उठती नहीं। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर भी वह किसी दल को दबाने के पक्ष में नहीं है।
  11. मैंने वोट भले ही किसी को नहीं दिया किन्तु सत्ताधारी दल के मंत्री को हमेशा पैसा दिया है इसीलिए मेरा काम कभी रुका नहीं।
  12. वे किस मुँह से अपने दल के लिए मत माँग सकते हैं जब कलारी की दूकान आज उन्होंने बंद करवा दी।
  13. चुनाव के दिन मौसम इतना अच्छा था कि उस दिन मैंने गोल्फ खेलना उचित समझा।
  14. यदि सभी ने मतदान में भाग लिया होता तो जहाँ काम नहीं हुए या आधे अधूरे हुए, उनके प्रति विरोध कैसे प्रकट होता?
  15. एक भी नेता ईमानदार नहीं है, बताइये वोट दें तो किसे दें?
  16. हमेशा मतदान के लिए ऐसा दिन चुना जाता है जब या तो बहुत गर्मी होती है या बहुत ठंड। बताओ कैसे वोट दूँ?
  17. एक बार वे चार लोग वोट देने गए थे, दो ने काँग्रेस को दिया, दो ने प्रमुख विरोधी दल को। तभी सोच लिया था इस प्रकार आपस में वोट काटने से क्या लाभ, इसलिए हम वोट देने ही नहीं जाते।
  18. मुझे उस घटना की जानकारी है जिसमें एक पति पत्नी वोट देने चले गए थे, इधर उनके घर का ताला टूट चुका था, सारा का सारा सामान लुट गया, सोचा अपुन तो लुटने से बचें?
  19. यदि मैं मतदान केन्द्र के आसपास ही मंडरा रहा होता तो घर तक ही वापिस न आ पाता, हवालात में बंदकर दिया जाता, इसी शंका से मैं मतदान करने नहीं गया।
  20. ऐसे मतदान केन्द्र में क्या जाना जहाँ प्रतीक्षारत लोगों को मतदान कर रहे लोगों की टाँगें ही दिखायी देती हैं, ऊर्ध्व भाग भी तो दिखायी देना चाहिए?
  21. मैंने एक मत दिया तो देश भक्त कहलाया। बड़ा देश भक्त कहलाने की लालच में एक मत और दे दिया तो मुझे अपराधी घोषित कर बदमाशों ने जेल में बंद कर दिया। इसीलिए मैं अब वोट डालने नहीं जाता।

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

'हैप्पी बर्थ डे'
|

"बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का …

60 साल का नौजवान
|

रामावतर और मैं लगभग एक ही उम्र के थे। मैंने…

 (ब)जट : यमला पगला दीवाना
|

प्रतिवर्ष संसद में आम बजट पेश किया जाता…

 एनजीओ का शौक़
|

इस समय दीन-दुनिया में एक शौक़ चल रहा है,…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

यात्रा-संस्मरण

हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी

लघुकथा

कविता-मुक्तक

कविता

हास्य-व्यंग्य कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं