विभा रानी श्रीवास्तव - 1
काव्य साहित्य | कविता - हाइकु विभा रानी श्रीवास्तव18 Nov 2014
1
ठूँठ का मैत्री
वल्लरी का सहारा
मर के जीया।
2
शीत में सरि
स्नेह छलकाती स्त्री
फिरोजा लगे।
3
गरीब खुशियाँ
बारम्बार जलाओ
बुझे दीप को।
4
क्षुधा साधन
ढूंढें गौ संग श्वान
मिलते शिशु।
5
आस बुनती
संस्कार सहेजती
सर्वानन्दी स्त्री।
सर्वानन्दी = जिसको सभी विषयों में आनंद हो
6
स्त्री की त्रासदी
स्नेह की आलिंजर
प्रीत की प्यासी।
आलिंजर = मिटटी का चौड़े मुँह का बर्तन = बड़ा घड़ा
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