विद्रोह
काव्य साहित्य | कविता कहफ़ रहमानी 'विभाकर'28 Feb 2014
अभाव मेरा नहीं
परिस्थितियों का
स्थितियाँ बदल सकतीं
केवल एक अनल-कण से।
धधक रही जो उरस्थ
ज्वाला अत्याचार से
संहार से।
होगा पगचाप दिशा-सूचक
इस विद्रोह का।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं