वो हँसता अपनी मुश्किलों पे यूँ
काव्य साहित्य | कविता समितिञ्जय शुक्ल15 Jun 2020 (अंक: 158, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
वो हँसता अपनी मुश्किलों पे यूँ
कि शर्मा देता –
देखने वालों को
उस पर हँसने वालों को
उस पर आस रखने वालों को
एहसान डालने वालों को,
हिसाब माँगने वाले लोगों को,
हर सामने वाले को,
छिपे, मरे गड़े, उसे हर जानने वाले को,
स्वयं को भी!
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