यान उड़ गया
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'1 Mar 2019
यान उड़ गया, यान उड़ गया,
अंतरिक्ष में यान उड़ गया।
चम-चम, चम-चम चाँदी जैसे,
सर-सर, सर-सर यान उड़ गया॥1॥
गगन-सितारे हैं सब अपने,
हमें दिखाते अदभुत सपने।
जिनकी दुनियाँ बड़ी निराली,
उस दुनियाँ में यान उड़ गया॥2॥
बड़े वेग से नभ में जाकर,
चंद्र लोक में रंग जमाकर।
नन्हें तारों की बस्ती में,
घूम-घामकर यान उड़ गया॥3॥
धरती से ऊपर की दुनियाँ,
बड़ी सलोनी है री मुनियाँ।
वही दृश्य दिखलाने हमको,
दूर गगन में यान उड़ गया॥4॥
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