ज़िद्दी बबलू
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता नरेंद्र श्रीवास्तव15 Oct 2019
बाइक तेज़ चलाये बबलू
समझाने से ना माने।
हुआ एक दिन एक्सीडेंट तो
फिर पुलिस ले गयी थाने॥
थानेदार ने जुर्माना ले
जब जमकर डाँट लगाई।
उस दिन से फिर बबलू ने
न बाइक तेज़ दौड़ाई॥
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