ज़िन्दगी से लोग इतना डर गए
शायरी | ग़ज़ल बलजीत सिंह 'बेनाम'15 Jul 2019
ज़िन्दगी से लोग इतना डर गए
मौत के आने से पहले मर गए
अब सफ़र में चलने वाले साथ हैं
जिनको जाना था वो अपने घर गए
याद तेरी आई जब भी हमनवाँ
मेरे नैना आँसुओं से भर गए
वो परिंदा क़ैद में महफूज़ है
क्या हुआ जो उसके बाल ओ पर गए
शे'र इक होता नहीं बेनाम से
शायरी में मीर क्या क्या कर गए
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Saru 2019/07/12 03:29 PM
Bahut khoob ,lajwab ,dhero daad Parinda kaid mein mehfooz hai Kya baat hai