शिक्षा : M.SC.(Physics) स्वर्ण पदक प्राप्त; M.Ed
सम्प्रति : व्याख्याता भौतिकी शास्त्र
रुचि : लिखने पढ़ने के शौक़ के चलते जाने कब ग़ज़ल लिखने का शौक़ हो गया और लिखने लगी
प्रकाशन : सांझा संग्रह - "महक अभी बाक़ी है"
लेखक की कृतियाँ
ग़ज़ल
- अपनी ख़बर मिली न पता आपका मुझे
- अब तो आ बाद-ए- सबा इन बस्तियों के वास्ते
- आँखों में तेरे ही जलवे रहते हैं
- आदमी प्यार में सोचता कुछ नहीं
- आपको आज इक नज़र देखा
- आम कीजिए मुझे ख़ास कौन कर गया
- इक बेटी की भाव भीनी श्रद्धांजलि
- इस गली में न उस डगर जाएँ
- कौन समझा है कौन जाना है
- क्या करूँ कोई मुझे जमता नहीं
- क्या पढूँ ग़ज़लें लिखूँ अशआर मैं
- गीत ग़ज़लों की ज़ुबाँ थे पहले
- गो कहीं से भी ख़ुशी ले आओ मेरे वास्ते
- चरागाँ ये सूरज सितारे न होंगे
- चले हैं लोग मैं रस्ता हुआ हूँ
- तू नज़र आई न
- तेरी संगत से ही राहत होती है
- दिल अगर बीमार सा है सोचिए
- दिल कहाँ मुब्तिला है उसे क्या पता
- दिल का राज़ छुपाना था
- दिलबर की सूरत आँखों में तारी रख
- दो दिलों में आशिक़ी का रंग वो पैदा हुआ
- दौर कोई इम्तिहानी चाहिए
- परवाने को उधर ही गुज़ारा दिखाई दे
- बच तो नहीं सकेंगे कॅरोना के जाल से
- बे-सबब मुस्कुराना नहीं चाहिए
- मज़े में सुहाना सफ़र कीजिए
- मिरी लाडली है मेरी जान है तू
- मिले हैं सिलसिले ग़म के मुहब्बत के समंदर में
- मुक़द्दर में सभी के बेटियाँ
- मैं तिरे नज़दीक़ आना चाहती हूँ
- यूँ तेरी याद से राब्ता रह गया
- रहती है मंज़िल मेरी मुझसे आगे
- रुक गया है कारवाँ इतवार कैसे हो गया
- रुत बहारों की सुहानी चाहिए
- वही ग़लती दुबारा क्यूँ करे कोई
- वो लम्हा जो तुमको छूकर जाता है
- सहरा कहीं हयात कहीं दाम आ पड़ा
- साथ गर आपका नहीं होता
- हर किसी से न वास्ता रखना
- हर जगह हर पल तुझे ही ढूँढती रह जाएगी
- ख़ुद को ऊँचा जो नाप जाता है
- ख़ुदनुमाई के कभी आलम नहीं थे
- ख़्वाबों की फ़हरिस्त लगा दी
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं