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सुरजीत सिंह वरवाल

जन्म :    सुरजीत सिंह का जन्म १० जुलाई १९८५ में गाँव ६ एन.एन. तहसील पदंपुर जिला श्रीगंगानगर के एक गरीब किसान के घर में हुआ था। बाद में पंजाब में चले गए थे। उनके पिता का नाम सरदार नायब सिंह और माता का नाम अमरजीत कौर था। इन्होंने अपना जीवन बहुत कठनाई में व्यतीत किया। रुपये पैसों के अभाव में मजदूरी का कार्य भी किया। चाचों की गदारियों की वज़ह से ज़मीनों में भी बेदखली मिली। कहानी लिखने की प्रेरणा उनको माता और स्वर्गवासी पिता जी से मिली। वर्ष २००८ में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर से हिंदी में एम.ए. पास की। उसके बाद पी.एन.डी. डिग्री महाविद्यालय में हिंदी के विख्याता का पद लिया। वर्ष २०११ में यूजीसी की परीक्षा नेट-जेआरएफ़ उतीर्ण की। वर्ष २०१३ में डॉ. हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्विद्यालय में जेआरएफ़ ज्वाइन किया। हिंदी भाषा को लेकर शुरू से ही गंभीर दृष्टि रही है, क्या कारण है कि हिंदी को आज वो ख्याति नहीं मिल पा रही जो उसे मिलनी चाहिए थी, इस दृष्टि से कई लेखन कार्य भी किये।
शिक्षा :    डिप्लोमा अपभ्रंश भाषा में, डिप्लोमा: अनुवाद में (चल रहा है), एम.ए. भाषा विज्ञान (चल रही है) एम. ए. हिंदी, नेट- जे आर एफ़ (हिंदी), पीएच. डी. हिंदी साहित्य (युवा कवि और आलोचक डॉ. पंकज चतुर्वेदी के दिशा निर्देश में चल रही है), डॉ. हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय.
लेखन कार्य :    
कहानियाँ – लगभग २ दर्जन कहानियाँ लिख चुके हैं जो अब धीरे-धीरे विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही हैं
नाटक - हाय ये संस्कृतियाँ (पूरा हो चुका है)
उपन्यास - 
१ संघर्ष (सत्य घटना पर आधारित) (भारतीय साहित्य के महान साहित्यकार गुरदयाल सिंह जी के पास गया हुआ है पढ़ने के लिए)
२ सरहदें (लेखन कार्य चल रहा है)
पत्रिकाओं में कहानियाँ - अभिव्यक्ति, उर्वशी, वसुधा, अनिश आदि 
रिसर्च लेख – International journal of Bhopal, CRS Journal CRITIC, Translation today, Indian Scholar: An International Multidisciplinary e-journal, Galaxy International Interdisciplinary Research Journal, INTERNATIONAL JOURNAL OF MULTIFACETED AND MULTILINGUAL STUDIES [IJMMS), ETC,
आलोचना की पुस्तकें - 
१ तुलनात्मक साहित्य : एक नवीन दृष्टि (छपने जा रही है)
२ तुलनात्मक साहित्य की प्रस्ठभूमि (लेखन कार्य चल रहा है)
अनुवाद :    पंजाबी से हिंदी,
१ गुरमीत जी का कहानी संग्रह (छपने जा रहा है)
२ सीक्रेट उपन्यास, गुरप्रीत सहजी, (अनुवाद कार्य चल रहा है)
सेमीनार, कार्यशालाओं में भागीदारी : राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार और सम्मेलन 
१ लगभग १ दर्जन राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सेमिनार में पेपर पढ़ चुके हैं विभिन्न सम्मेलन और सेमिनार की पर्सुडिंग में पेपर लग चुके है
सम्मान :  सार्क विश्वसम्मेलन भूटान से ‘परिकल्पना’ अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिलने जा रहा है जनवरी २०१५
संप्रति :    जूनियर रिसर्च फेलो (हिन्दी विभाग), डॉ. हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश

लेखक की कृतियाँ

उपन्यास

शोध निबन्ध

अनूदित कहानी

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