माँ (पूनम कासलीवाल)
काव्य साहित्य | कविता पूनम कासलीवाल3 Apr 2014
लोरी, थपकी
पल्लू, चवन्नी
दाल, छोंक
मलहम, पट्टी
डाँट, फटकार
लुकाछिपी, खिखिलाहट
चाय की भाप,
स्वेटर के फंदे,
फ़्राक की तुरपन,
धमकी, नसीहत,
समस्या का हल,
दोस्त तो कभी जासूस,
समय की घड़ी,
अगरबत्ती की खुशबू,
गुड़ और चना,
गाजर का हलवा
अचार की फाँक
जादू की पिटारी
माँ..माँ...माँ..
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