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श्रीमती धीरा वर्मा

श्रीमती धीरा वर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से  मनोविज्ञान विषय में एम.ए. हैं। अखिल भारतीय लेखिका संघ, नई दिल्ली की वे उपाध्यक्षा हैं, दो दशकों से भी अधिक समय से दिल्ली विश्वविद्यालय के स्लावोनिक और फिनों उग्रियन भाषा विभाग में बल्गारियन भाषा और साहित्य का अध्यापन करती रही हैं। वे प्रतिष्ठित अनुवादिका हैं और बल्गारियन  भाषा की कालजयी कृतियों का मूल भाषा से हिंदी में अनुवाद करती हैं। तीन दशकों से भी अधिक समय से प्रवासी भारतीय साहित्य के अध्ययन अनुसंधान में संलग्न। ’फीजी में हिन्दी: स्वरूप और विकास’  की सहलेखिका, तथा भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित  ‘प्रवासी भारतीय हिन्दी साहित्य’ की सह- सम्पादक हैं। गिरमिट गीतों के अध्ययन अनुसंधान में उनकी विशेष रुचि है। भारतीय संस्कृति के विविध पक्षों पर उनकी सवा सौ से अधिक सोदाहरण संगीत वार्ताएँ आकाशवाणी के विविध चैनलों पर प्रसारित हैं। प्रवासी भारतीयों से सम्बंधित गिरमिट गीतों के संग्रह के संदर्भ में उन्होंने फीजी, मारीशस तथा दक्षिण अफ्रीका आदि देशों की यात्राएँ कीं और इन देशों के गिरमिट गीतों का संग्रह किया और उनसे सम्बंधित अनेक अनुसंधान पूर्ण आलेख शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किये और आकाशवाणी के विविध चैनलों से उनका प्रसारण भी हुआ।

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