शायरी - नज़्म
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ क क्ष ख् ग घ च छ ज ज्ञ झ ट ठ ड ढ त त्र थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श-ष श्र स ह ऋ ॐ 1 2 3 4 5 6 7 8 9
अ
इ ऊपर
ई ऊपर
उ ऊपर
ऊ ऊपर
ए ऊपर
ओ ऊपर
औ ऊपर
क ऊपर
- कई ज़माने रखता हूँ
- कब से फ़ुर्क़त का समां तारी है
- कर के तसव्वुर
- कल और आज
- कश्ती
- कश्मकश
- कहकशां
- कहानी
- काम ख़त्म कर लूँ सभी
- कायनात साज़िश क्यूँ करती है?
- काश कि ऐसा हो जाए!
- काफ़िर था
- कुछ कड़वे सच-3
- कुछ लोग बदले और आब-ओ-हवा
- के बाक़ी नहीं है अब
- कैसे आ गई है
- कैसे बताऊँ कि वो कितने ख़ास में है
- कोई अंजाम नहीं आया
- क्या जवाब देंगे हम
- कफ़न
- क़रार
- क़िस्सा ज़िन्दगी का
- क़ुर्बत इतनी न हो कि वो फ़ासला बढ़ाये
- क़फ़स की क़ैद
क्ष ऊपर
ख् ऊपर
ग ऊपर
घ ऊपर
छ ऊपर
ज ऊपर
- जज़्बात
- जब जब
- जवानी न सही अभी जवाँ साँस तो है
- जश्न-ए-नया साल में
- ज़ख़्म
- ज़ख्म दिल के
- ज़माने में जब भी
- जा-ब-जा जू-ब-जू
- जान के नाम
- जाने किन बातों की
- जिस रोज़ हर पेट को
- जिसकी आँख से आँसू गिरा ही नहीं
- जिसने तराजू की बात की है
- जिसे नसीब ने बख्शा उसे गवां बैठे
- जीने नहीं दिया
- जुगाड़
- जो कहा नहीं लबों से वो बात याद आएगी
- जो ग़म है सीने में दबाये बैठे हैं
- ज़रा बता
- ज़रूरत है
- ज़रूरी तो नहीं
- ज़िन्दगी
- ज़िन्दगी का ढाँचा
- ज़िन्दगी को मज़ाक में लेकर
- ज़िन्दगी तेरी हर इक बात हसीं
ज्ञ ऊपर
झ ऊपर
ठ ऊपर
ड ऊपर
ढ ऊपर
त ऊपर
- तनहा
- तन्हा सफ़र
- तब और अब
- तल्ख़ लहजे में हैं मीठी बातें
- तस्वीर बना दे कोई
- ता’सबों के सौदागर
- तुझ से मुकम्मल थी ज़िन्दगी
- तुम इस शहर में सुकूँ ढूँढते हो
- तुमसे न होगा
- तुम्हारी बात
- तुम्हारी मशवरत
- तू भी दुःखी है
- तू ही है
- तू ख़ुश क्यूँ होगा मुझसे
- तूफ़ानों में उनके छोड़ जाने...
- तेरा उपनाम
- तेरा हुस्न
- तेरी तस्वीर
- तेरे जन्म के साथ मेरा भी नया जन्म हुआ
- तेरे नाम की नज़्म
- तो ग़ज़ल होती है
त्र ऊपर
द ऊपर
ध ऊपर
न ऊपर
ब ऊपर
- बंद कमरे में (क़फ़स)
- बंद दरवाज़े
- बड़ी शिद्दत से इबादत की है मालिक
- बदस्तूर
- बयाँ होंगे
- बरसती बारिशों की धुन पे लम्हें गुनगुनाते हैं
- बर्बाद ज़माने को गोया
- बस्ती में जो फैला है
- बहुत देर से मिला
- बहुत हो चुका अब . . .
- बात पूरी तो करते, कम से कम
- बिखर रहा हूँ मेरे दोस्त
- बुरे दिन हों तो
- बूँद थी मैं
- बेनज़ीर
- बेवफ़ा तेरे काँटे को चुभने न दिया
- बेहतर होगा
म ऊपर
- मरहूम गर तू है
- माँ है इक छोटी सी दुनियाँ
- माना कि उसमें जज़्बा ख़ूब
- मुझे हँसते हुए विदा कर
- मुनाफ़ा
- मुमकिन ही नहीं
- मुश्किल तो था लेकिन
- मुसलमान कहता मैं उसका हूँ
- मुसलसल ज़िन्दा रहने का
- मुस्कुराना आपका
- मुस्कुराने की अदा रखते हैं
- मुहब्बत
- मुहब्बत का जुनूँ मरा नहीं करता
- मेरा मुर्शिद
- मेरा रोशनी से कोई नाता नहीं
- मेरा वुजूद तेरी नाराज़गी से पिघल जाता है
- मेरा साया
- मेरी आँखों में किरदार नज़र आता है
- मेरी चाहतें
- मेरी पलकों की नमी
- मेरी बेख़याली
- मेरी सालगिरह की शाम
- मेरी हस्ती
- मेरी ख़्वाहिश
- मेरी फ़िक्र में वो
- मेरे लिए ईमां आसां
- मेरे ख़ुदा
- मेरे ख़्वाबों की ताबीर
- मैं और मेरा घर
- मैं जानता न था...
- मैं तो केवल इस फ़िज़ां में
- मैं तो गूँगी थी तुम भी बहरे निकले
- मैं फिर भी आऊँगा
- मैं बस लिखती हूँ
- मैं मुम्बई हूँ
- मोहब्बत के सफ़र पर
- मोहब्बत में अश्क की क़ीमत कभी कमती नहीं
- मौत भी डर गई थी