तू भी दुःखी है
शायरी | नज़्म ज़हीर अली सिद्दीक़ी1 Mar 2019
रूठना गर तेरी फ़ितरत
सोचता हूँ कैसी आफ़त
होती थोड़ी फिर भी राहत
गर तेरा ग़ुस्सा हो रुख़सत॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
हैरत-ए-अंगेज़ फ़ितरत
ज़िंदगी कर रही कसरत
कसरत से सेहत सुधरती
यहाँ तो सेहत बिगड़ती॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
रूठते ही तेरा चेहरा
बदसूरती का विकराल सेहरा
बदसूरती में ख़ूबसूरती का पहरा
मुखड़े पर गर शरारत का पहरा॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
तेरे रूठते ही बाग़वां रूठा
ए कली मेरा दिल रूठा
दिल ए बाग़ में सिर्फ़ पतझड़ देखा
ज़िन्दगी का रंग ग़मगीन मैंने देखा॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
तू रूठी मानो अल्फ़ाज़ रूठे
ज़ुबां पर मायूसी के मंज़र टूटे
मासूमियत भरा मायूसी सफ़र
तेरे बिना बाग़ में जाऊँ किधर॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
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टिप्पणियाँ
mohd husain 2019/03/24 01:34 PM
Really really very beautiful lines.Update more and more poems.I like yor thoughts bcz of it is based on realty.All the very best and i hope u'll becme a very famous writer soon.
Rajeev 2019/03/05 06:34 PM
Nice poem.. keep it up.. hope to see many more!
RAJAN JAISWAL 2019/03/05 05:44 PM
बहुत बढ़िया,सही बात है जब भी कोई व्यक्ति परस्पर प्रेम करते हैंं और किसी बात को लेकर यदि कोई रूठ जाता है तो एक को ही नहीं दोनों को दुख होता है।धन्यवाद ऐसी रचना के लिए
Rajesh Patel 2019/03/04 08:28 AM
काफी अच्छी पंक्तियाँ है Zaheer Bhai... वाकई में रूठने के इंसान और कुंठित हो जाता है । रूठने से इंसान के ऊपर और भी ज्यादा मानसिक दवाब बनता है।
Rajesh Patel 2019/03/04 08:25 AM
काफी अच्छी पंक्तिया है Zaheer Bhai... वाकई रूठने से इंसान और कुंठित हो जाता है ।
Anwar Ali 2019/03/04 05:56 AM
Superb Bhaiya
Chetna yadav 2019/03/04 02:39 AM
Wahh re Siddiqui sahab...bahute hi bdhiya likhe ho
Satya prakash 2019/03/03 02:42 PM
Ati sundar
Rohit kamble 2019/03/03 01:46 PM
Very good
Pramod 2019/03/03 01:31 PM
Great
Khan Shaimah 2019/03/03 01:12 PM
Good work!!!
Shaimah Khan 2019/03/03 01:10 PM
Good work!!!
Manojkumar 2019/03/03 01:08 PM
Awesome brother keep it up
Md.Irfan 2019/03/03 12:44 PM
ये रूठना , मनाना अदाएँ हैं मोहब्बत की चटपटा न हो तो खाने में मज़ा क्या है ?
ऋषभ भारद्वाज 2019/03/03 10:53 AM
शब्दों का चयन एवं उनकी गहराई
Divya Jaiswal 2019/03/03 10:49 AM
Zahir very nice poetry. Keep updating.
Ehtesham Khan 2019/03/03 10:23 AM
Amazed to read the way words were put so beautifully. Epic piece of writing.
Vaishali Chaudhary 2019/03/03 10:07 AM
Nice!
Atul 2019/03/03 10:07 AM
कसरत से सेहत सुधरती यहाँ तो सेहत बिगड़ती। क्या शब्दो का तरीके से बाँधा है। रूठने से में भी दुखी हूं में नही तुम .... अनुभव भी है लग रहा प्रेम का। मार्मिक प्रेमरस।
Vaishali Chaudhary 2019/03/03 10:06 AM
Nice!
Rajneesh Shukla 2019/03/03 09:56 AM
दिल और मन तक उतर जाने वाली कविताएं।बहुत बहुत धन्यवाद् आपको ये संरचना हम तक पहुंचाने के लिए। उपर वाला आपको और बरकत दे।
Rajesh Kumar 2019/03/03 09:54 AM
Nice lines !!.....it seems that you expressed important phase of life .
Abhinav 2019/03/03 09:53 AM
दिल गदगद हो गया यह प्रेम प्रसंग पढ़कर.. आगे बढ़ते रहिए और इंतजार है आपकी कविताओं का...
Rajneesh Shukla 2019/03/03 09:52 AM
दिल और मन तक उतर जाने वाली कविताएं। बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये संरचना हम तक पहुंचने के लिए। उपर वाला आपको और बरकत दे।
Sushil 2019/03/03 09:51 AM
अल्फ़ाज़ ना रूठे आपसे कभी, कविताएं आपकी आती रहे!!! Nice Lines... Liked It
Suyash Dubey 2019/03/03 09:51 AM
Expressive and deeply intricated with emotions. That's how life spins around emotional dilemmas.. Best wishes Zahir.. I'm waiting for next poem..
Dipti vlc 2019/03/03 09:50 AM
Awesome Deep meaning with humor side too
Harshit Yadav 2019/03/03 09:40 AM
Each and every line are finely written and executed. Excellent ine. Guruji
Govind 2019/03/03 09:32 AM
Nice Zaheer keep it up....
Ashima 2019/03/03 09:29 AM
Very nice Zaheer..... Zaheer ji ..aapki poetry aapka talent Zahir krr rhi h...
Prateek 2019/03/03 09:27 AM
Nice lines, deep Meaningful.
Mohd Azharuddin 2019/03/03 09:12 AM
Nice
Supriya ramugade 2019/03/02 09:15 AM
Nice quote
Dr.Girendrs Singh 2019/03/02 05:06 AM
Amazing Dr.Zaheer
Swati korgaonkar 2019/03/02 03:01 AM
Fine lines with deep meanings
Sunil Rana 2019/03/02 01:51 AM
it was really cool how the language you used at the end was mirroring what you said in the beginning.
शक्ति प्रकाश 2019/03/02 01:34 AM
बहुत सुंदर साहब जी।
Sarvajeet Yadav 2019/03/01 06:05 PM
Excellent .....!!
Dr.Rashmi 2019/03/01 06:04 PM
Really really very beautiful lines.Update more and more poems.I like yor thoughts bcz of it is based on realty.All the very best and i hope u'll becme a very famous writer among us.
Viki 2019/03/01 06:01 PM
Sirf mai nahi tu bhi Awesome lines
Vandana Shukla 2019/03/01 05:22 PM
Nice one
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