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काव्य साहित्य - गीतिका

क्ष ख् ज्ञ त्र श-ष श्र 1 2 3 4 5 6 7 8 9

  1. अँखियों से तूने  किए  वो इशारे

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  1. आँखें झरें, झरती रहें
  2. आज फिर साथ दे

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  1. इकाई भी दहाई भी

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  1. कहने को इक साल गया है

क्ष ऊपर

ख् ऊपर

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  1. जब तक चले ये ज़िंदगी चलते रहो

ज्ञ ऊपर

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  1. डर लगता है

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त्र ऊपर

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  1. दिल की कटुता रार, मिटा ही देना तुम

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  1. धनिया ने क्या रंग जमाया होली में

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  1. पछतावा

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  1. बड़ी गहन पीड़ा से गुज़रा, मेरा अंतर्मन है

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  1. महापुरुष
  2. माथे पे बिंदिया चमक रही
  3. मौसमों की तरह, आता-जाता है बरस

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  1. यार ज़माना देख लिया है

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  1. लोगों में क्यों मक्कारी है

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  1. वासंती ऋतु हुई शराबी होली में
  2. विधाता की निगाह में
  3. वेलेंटाइन डे

श-ष ऊपर

  1. शब्द को कुछ इस तरह तुमने चुना है
  2. शून्य से शिखर हो गए

श्र-श ऊपर

ऊपर

  1. समय पड़े तो   आँखों को  अंगार कीजिए
  2. सामने आ ज़रा

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  1. हमें मोहब्बत सिखा रहे हैं

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