आज फिर साथ दे
काव्य साहित्य | गीतिका पीताम्बर दास सराफ 'रंक'13 Jan 2018
आज फिर साथ दे
हाथ में हाथ दे
तू हमारे लिये
माथ को माथ दे
झूम कर आ ज़रा
कंठ को गाथ दे
छोड़ दुनियॉ॓ सनम
देखने नाथ दे
डूब जा प्रेम में
प्रीत को पाथ दे
खो गया"रंक"अब
अब विश्वनाथ दे
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