हास्य-व्यंग्य - हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ क क्ष ख् ग घ च छ ज ज्ञ झ ट ठ ड ढ त त्र थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श-ष श्र स ह ऋ ॐ 1 2 3 4 5 6 7 8 9
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- अँधेर नगरी प्लेब्वॉय राजा
- अंक के लगाकर पंख, डिग्री मारे डंक
- अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद प्रशिक्षण व शोध केन्द्र
- अंधास्था द्वारे, वारे-न्यारे
- अंधेर नगरी फ़ास्ट क़ानून
- अगर तुम न होते
- अगले जनम हमें मिडिल क्लास न कीजो
- अगले जन्म मोहे “सामान्य” ना कीजो
- अचार
- अच्छे संस्कार
- अजब मुहावरे, ग़ज़ब मुहावरे
- अजब-ग़ज़ब निर्णय
- अजर अमर वायरस
- अतिथि करोनो भवः
- अथ मुर्दा सम्वाद
- अथ श्री आलोचक कथा
- अन्य क्षेत्रों के खिलाड़ियों के गोल्ड मेडल
- अपडेटेड रावण
- अपना-अपना घोषणा पत्र
- अपने गंजे, अपने कंघे
- अपराध दर अपराध
- अब तो मैं पुतला होकर ही रहूँगा
- अब मैंने अपना अख़बार निकाला
- अभिनंदन ग्रंथ की अंतिम यात्रा
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बचाया जाए
- अमरता सूत्रम समर्पयामी
- अमृत अल्कोहल दोऊ खड़े . . .
- अराजकता फैलाते हनुमानजी
- अली बाबा और चालीस चोर
- अवसाद में मेरा टामी
- अवार्ड वापसी गैंग की दास्ताने दर्द
- असंतुष्ट इज़ बैटर दैन संतुष्ट
- असहिष्णु कुत्ता
- अस्त्र-शस्त्र
- अस्पताल में एक और आम हादसा
आ ऊपर
- आँकड़े यमराज के
- आइंदा अगस्त में आज़ादी नहीं लेंगे
- आईने की व्यथा
- आओ ग़रीबों का मज़ाक़ उड़ायें
- आज मैं शर्मिंदा हूँ?
- आज्ञाकारी पति की वाल से
- आतंक एक जासूसी कुत्ते का
- आता माझी सटकली
- आत्म चिंतन का दौर
- आत्मसाक्षात्कार का ट्रेंड
- आदमी होने की ज़रूरी शर्त
- आदर्श ऑफ़िस के दरिंदे
- आप और मैं एक ही नाव पर सवार हैं क्या!
- आपको क्या तकलीफ़ है
- आम आदमी सेलेब्रिटी से क्यों नहीं सीखता!
- आर्ट आफ टार्चरिंग
- आर्दश आचार संहिता
- आलसस्य परम सुखम्
- आश्वासन मय सब जग जानी
- आसमान तो नहीं गिरा है न भाई साहब!
- आसमान से गिरे...
- आह प्रदूषण! वाह प्रदूषण!!
- आह रिटायरी! स्वाहा रिटायरी!
- आहत होने की चाहत
इ ऊपर
उ ऊपर
ऊ ऊपर
ए ऊपर
- एक अदद नाले के अधिकार क्षेत्र का विमर्श’
- एक अदद पुरस्कार की ज़रूरत
- एक और वैष्णव का उदय
- एक गाँव ऐसा भी . . .
- एक छद्म इंटरव्यू
- एक झोला छाप वार्ता......
- एक तो मैं इन सुधारकों से बड़ा परेशान हूँ
- एक निगेटिव रिपोर्ट बस!
- एक पाती पत्रकार भाई के नाम
- एक रेल की दशा ही सारे मानव विकास सूचकांको को दिशा देती है
- एक लिहाज़ ही है जो लिहाज़ है
- एक वाजिब किसान का इंटरव्यू
- एक शर्त भी जीत न पाया
- एक सार्वजनिक सूचना
- एप्पों की पालकी! जय कन्हैया लाल की!
- एमबीबीएस बनाम डीआईएम
क ऊपर
- कंघीहीन भाइयों के लिए ख़ुशख़बरी!
- कअमेरिका से भारत को दीवाली गिफ़्ट
- कब टूटेगी यह कड़ी
- कबिरा खड़ा बाजार में
- कल-कल निनाद
- कवि की निजी क्रीड़ात्मक पीड़ाएँ
- कविता में भारी उछाल पर पढ़ने और सुनने वालों का भीषण अकाल
- कश्मीर फ़ाइल की फ़ाइल
- कहानी साइकिल की सवारी की
- काँइयाँ मेज़बान
- कार क्रय यज्ञ
- कार्य युद्ध स्तर पर
- कार्यालयों की गति
- कालजयी का जयंती लाइव
- कालजयी होने की खुजली
- कालीन का जनतंत्रीकरण
- काश ! हम कबूतरबाज़ होते. . .
- काश मैं नींबू होता
- काश, मैं भी एक आम आदमी होता
- किताबों की अंतिम यात्रा
- किसान नंबर वन?
- कुछ ख़ास नहीं . . .
- कुछ भी होल्ड नहीं करता शायद
- कुत्ता ध्यानासन
- कुत्ता साहब
- कुविता में कविता
- कुशल साहब, ग़ुसल लाजवाब
- कूल बनाये फ़ूल
- कृत्रिम वार्ता—एआई मेरे भाई
- कृपया उचित दूरी बनाए रखें!
- केवल गाँधी वाले आवेदन करें
- कोई शक?
- कोफी अन्नान की बीवी
- कोरोना काल की बदलती दुनिया
- कोरोना काव्य और क्रोचे
- कोरोना बनाम (को) रोना
- कोरोना मीटर व अमीरी मीटर
- कोरोना से ज़्यादा घातक– घर-घर छाप डॉक्टर
- कौवे की लकड़ी
- क्या आपने निंदा रस की डोज़ ली?
- क्रिकेट अपना-अपना
- क्रिकेट पालिटिक्स है
- क्षमाम्! क्षमाम्! चमचाश्री!
- क्या नेता जी अभी फ़ुर्सत में हैं?
- क़िला फ़तह आज भी करते हैं लोग!
- क़िस्सा-ए रामलाल-श्यामलाल
- क़िस्से जाहिलिस्तान के
- क़ुदरत का निज़ाम
ख् ऊपर
ग ऊपर
च ऊपर
- चंदा
- चकोर की पुस्तक
- चमचा अलंकरण समारोह
- चमचा की चमचई
- चरणयोगी भोग्या वसुंधरा
- चला गब्बर बब्बर होने
- चलो लोहा मनवायें
- चाँद और रोटियाँ
- चाबी वाले खिलौने
- चार्ज हैंडिड ओवर, टेकन ओवर
- चाहिए एक अदद बीवी
- चीनी कम
- चुगली की गुगली
- चुनाव करवाइए, कोविड भगाइए
- चुनाव का मधुरस्वभाव
- चुनावी कुकरहाव
- चुप्पियों के बोल
- चूहामुखी विकास
- चेले जो गुरु निकले
- चौबे चले छब्बे बनने, दुबे बन कर लौटे
छ ऊपर
ज ऊपर
- जंगल विभाग
- जन जाए भाड़ में
- जनता कर्फ़्यू व श्वान समुदाय
- जब पुराना वर्ष जाने से इनकार कर दे
- जब भगवान ने भारत से चुनाव लड़ा
- जाओ कोई उसे ढूँढ़ के लाओ
- जाके प्रिय न बॉस बीवेही
- जायें तो जायें कहाँ?
- जियो व जीने दो व कुत्ता
- जिसकी लाठी उसकी भैंस
- जी ज़नाब का मिठाई सेटिंग दर्शन
- जीभ चटोरी भी, ... जीभ जूतियाँ भी खिलाती है....
- जीवी और जीवी
- जूता संहिता
- जेनरेशन गैप इन कुत्तापालन
- जेसीबी और विराट माला
- जैसा आप चाहें
- जैसे तुम, वैसे हम
- जो ना समझे वो अनाड़ी है
- जो सुख सरकारी चौबारे वह....
- ज्ञानपीठ कोचिंग सेंटर
- ज़हर किसे चढ़े?
- ज़िंदा-जी हरिद्वार यात्रा
- ज़िम्मेदारों के बीच यमराज
ट ऊपर
ड ऊपर
ढ ऊपर
त ऊपर
- तब्दीली आयी रे
- तीसरे दर्जे का शुभचिंतक
- तुम किस खेत की मूली हो?
- तुमको याद रखेंगे गुरु
- तुमसे बड़ी है, मेरी पूँछ?
- तुम्हारी याद में रो-रोकर पायजामा धो दिया
- तू काहे न धीर धरे ......।
- तू क्या है . . .
- तेरी सोच-मेरी सोच
- तो क्यों धन संचय
- तो छोड़ दूँगा
- त्रस्त पतियों के लिए डायमंड चांस
- त्रासदी विवाहित इश्क़िए की
द ऊपर
- द मोनू ट्रायल
- दंबूक सिंह खद्दरधारी
- दर्द की दवा
- दर्द-ए-हास्य कवि-सम्मेलन
- दलबदल का वायरस
- दशहरा पर पंडित रामदीन की अपील
- दाँत निपोरने की कला
- दिले नादां तुझे हुआ क्या है ...?
- दिले नादान तुझे हुआ क्या है
- दिव्यांग आम
- दीर्घायु कामना को उग्र बीवी!
- दीवारों की अहमियत
- दुख में सुखी रहने वाले!
- दुनियावाले क्या कहेंगे
- दुलत्ती मारने के नियम
- दुहाई है दुहाई
- देखो! चुनाव आया है ग़रीब की झोंपड़ी में भगवान आया है
- देश में है गुड फ़ीलिंग
न ऊपर
- न काहू से दोस्ती, न काहू की ख़ैर
- नंगा सबसे चंगा
- नई नाक वाले पुराने दोस्त
- नए ज़माने का एटीएम
- नन्द लाल छेड़ गयो रे
- नमः नव मठाधिपतये
- नया साल, अपना स्टाइल
- नयी ’कोरोनाखड़ी’
- नये अस्पताल का नामकरण
- नशा मुक्ति केंद्र में लेखक
- नाक जो रोज़ कट रही है!
- नाना जंजाला
- नासमझ मजदूर
- नास्त्रेदमस और मैं...
- निन्दा-स्तुति का मज़ा, भगवतभक्ति में कहाँ
- निर्दलीय होने का सुख
- नेतागिरी करते बादल
- नेताजी की ग़लती
- नेपोकिडनी
- नैनो है गुणकारी कार
- नॉट आउट @हंड्रेड
- नो कमेंट्स प्लीज!
- नक़लं परमं धर्मम्
- नज़र लागि राजा. . .
- नज़र लागी राजा
प ऊपर
- पंडित का ढोंग
- पंडित होशियार चंद बेढंगा
- पंडितजी का लड्डू
- पंडी ऑन द वे
- पति-भ्रम
- पत्नी का अविश्वास प्रस्ताव
- पत्नी का पल्ला
- पत्नी की मिडिल क्लास, "मंगल-परीक्षा"
- पत्नी बीमार है
- पत्रकार फूहड़मल की कुछ न करने की मैराथन दौड़
- पधारो म्हारे मोबाइल नशा मुक्ति धाम
- पबजी–लव जी
- परसाई की पीठ पर गधा
- परीक्षा आयोग बीमार है
- परोपकार में सेंध
- पल्टूराम फिर मार गए पल्टी
- पशु-आदमी भाई! भाई!
- पहली बार मज़े
- पाप धुलें तो कैसे धुलें
- पापी पेट
- पारो सुरा के सुरूर में क्यों नहीं डूबी?
- पार्टी सौभाग्य श्री की तलाश
- पावर वालों का पावरफ़ुल कुत्ता
- पी गये उधार में
- पीर पराई जान रे ..
- पुरस्कार पाने का रोडमैप
- पुरस्कार रोग से लाचार और मैं तीमारदार
- पुल के उठाले में नेता जी
- पुल गिर गया . . .
- पुलिया के सौंदर्य के सम्मोहन के आगे बेचारे पुल की क्या बिसात!!!
- पुलिसिया हेलीकाप्टर
- पृथ्वी भाग-ए पृथ्वी भाग-बी
- पेट लवर पर होगी कार्यवाही
- पेटीकोट की ओट में
- पेपर लीकेज संघ ज़िंदाबाद!
- पैदल चल, मस्त रह
- पोइट आइसोलेशन में है वसंत!
- पोथी लिख-लिख जग मुआ लेखक भया न कोय
- पोलिंग की पूर्व संध्या पर नेताजी का उद्बोधन
- प्रतिबद्धता
- प्रभु मोरे अवगुण चित्त न धरो
- प्राइवेसी कहाँ!
- प्रार्थना के शिल्प में एक अदद विडंबना
- प्रेस ब्रीफ़िंग में बोला ‘रावण’ दशहरे पर नहीं मरूँगा!
- प्रौढ़ शिक्षा केंद्र और राजनीति के अखाड़े
- पढ़ाई
फ ऊपर
ब ऊपर
- बंगाली बाबा परीक्षक वशीकरण वाले
- बचपन-बुढ़ापा थे कभी वारिस.... अब लावारिस....
- बजट
- बजट का हलवा
- बजट की समझ
- बड़े भाईसाब की टेंशन
- बत्तोरानी की दो बातें
- बदला... राजनीति में
- बधाई हो बधाई!!
- बरसात में
- बादाम खाने से अक्ल नहीं आती
- बाबा के डायपर और ऑफ़िस में हाइपर
- बाबूलोक की अन्तर्कथाएँ
- बारहवीं के बाद का बवाल
- बारात के घोड़े...
- बार्टर सिस्टम
- बिच्छारोपन का शिकार एक पौधा
- बिना जुगाड़ के छपना
- बुढ़ौती में तीरथ
- बुद्धिजीवी मेकर
- बुढ़ौती प्राप्त करने की चाह
- बूँदी सेव और गणतंत्र दिवस
- बूढ़ों के लिए ख़ुशख़बरी!
- बेगम जी के उपवास में ख़्वारियाँ
- बेचारी जनता और सत्ता पक्ष की छींक
- बेचारे ये कुत्ते घुमाने वाले
- बैकुंठ में जन्म लेती कुंठाएँ
- बैकुंठ हेयर ड्रेसेज़
- बैटरी चार्ज करने के लिए दिल उधार माँगू रे
- बोलो ज़ुबाँ केसरी
- ब्यूटीफ़ुल बेईमान
- ब्लैक मार्किटियों की गूगल मीट
- ब्लैक स्वान इवेंट
भ ऊपर
- भक्त की फ़रियाद
- भगवान अंग्रेज़ी नहीं जानते हैं!
- भगवान इंसान के क्लासिक फर्मे को हाईटेक कब बनायेंगे?
- भगवान की सबसे बड़ी गल्ती!
- भगौड़ी बीवी और पति विलाप
- भरोसे का आदमी
- भाईजी की मूर्ति
- भारत में यौन क्रांति का सूत्रपात
- भावना को समझो
- भाड़े की देशभक्ति
- भिखारियों से शर्मिंदा है देश
- भैयाजी के दौरे
- भोपाल का क्या है!
- भोलाराम की मुक्ति
- भ्रष्टाचार युगे-युगे
- भ्रष्टाचार व गज की तुलना
म ऊपर
- मंगल ग्रह में पानी
- मंत्री जी इंद्रलोक को
- मंत्री जी की चुप्पी
- मच्छर एकता ज़िंदाबाद!
- मनसा . . . वाचा . . . क
- मल्टीप्लेक्स और लुप्तप्रायः होता राष्ट्रीय चरित्र
- मशीन का अनुलोम विलोम
- महँगाई देवी से विपक्ष का साक्षात्कार
- मातादीन का श्राप
- मातादीनजी का कन्फ़ैशन
- माधो! पग-पग ठगों का डेरा
- मानव श्रेष्ठ या तुच्छ
- मामला वन वे वाला
- माया महाठगिनी हम जानी
- मार के आगे पति भी भागते हैं!
- मार्जन, परिमार्जन, कुत्ता गार्जियन
- मालपुआमय हर कथा सुहानी
- मास्क वाले चेहरे
- मास्टर जी मंकी मोर्चे पर
- मिक्सिंग, फिक्सिंग और क्या??
- मिलावट का व्याकरण
- मीटू बनाम शीटू
- मीडिया कवरेज के चलते
- मीनाबाज़ार
- मुखड़ा देख ज़रा दर्पण में
- मुझे भी इतिहास बनाना है
- मुन्नू अनशन पर
- मुबारक हो मूर्ख दिवस
- मुर्गा रिटर्न्स
- मुहब्बत में राजनीति
- मूर्तिभंजक की मूर्ति का चीरहरण
- मेरा वो मतलब नहीं था
- मेरी अमर रचना
- मेरी एक पड़ोसन
- मेरी किताब यमलोक पहुँची
- मेरी विकास यात्रा. . .
- मेरे घर अख़बार आने के कारण
- मेहँदी लगा कर रखना
- मैं जब भ्रष्ट हुआ
- मैं बेचारा दर्द का मारा
- मैं साँड़ हूँ! जहाँ जाइएगा मुझे पाइएगा . . .?
- मैच देखने का महासुख
- मॉर्निंग वॉक और न्यू कुत्ता विमर्श
- मोबाइल लोक की जय!
- मौन-व्रत
य ऊपर
र ऊपर
- रंग बदलती टोपियाँ
- रब्ब ने मिलाइयाँ जोड़ियाँ...!
- रसगुल्लों के प्राण
- राइटरों की नई राइटिंग संहिता
- राजनीति का झूठ कितना पुरातात्विक?
- राजनीति के नमूने
- राजनीतिक निवेश में ऐश ही ऐश
- राजनीतिक होली
- राम नाम सत्य है।
- राम भरोसे
- रायता फैलाने वाले
- रावण की लोकप्रियता
- राज़ की बात
- रिटायरमेंट का मातम
- रिटायरियों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम
- रुटीनाय नम:
- रेडियो वाली से मेरी इक गुफ़्तगू
- रैशनेलिटि स्वाहा
- रफ़ा-दफ़ा
ल ऊपर
व ऊपर
- वदाइयाँ यार! वदाइयाँ!
- वर्क फ़्रॉम होम
- वर्ल्ड कप क्रिकेट के एक रसिया द्वारा अपनी पत्नी को दिया गया पत्र
- वादा तेरा वादा
- वास्तु की महिमा
- वाह-वाह संप्रदाय के तबलीग़ियों से
- विज्ञापनर
- विद द ग्रेस ऑफ़ ऑल्माइटी डॉग
- विदेश जाने पर कोहराम
- विधानसभा में भूत
- विनम्र श्रद्धांजलि पेंडिंग-सी
- विनोद बावफ़ा है
- विराम- अविराम
- विलक्षण प्रतिभा के -लोकल- धनी
- विवाद की जड़ दूसरी शादी है
- विश्व बैंक की रिपोर्ट व एक भिखारी से संवाद
- विश्वगुरु का पद रिक्त है
- वीवीआईपी के साथ विश्वानाथ
- वे और उनका नारीवाद
- वे वोट क्यों नहीं देते?
- वैक्सीन का रिएक्शन
- वैष्णवी ब्लड की जाँच रिपोर्ट
- व्यंग्य ऊपर व्यंग्य
- व्यंग्य मार्केटिंग में बीवियाँ
- व्यंग्य लंका
- व्यंग्य समय
श-ष ऊपर
श्र-श ऊपर
स ऊपर
- संकट
- संपन्नता की असमानता
- सजना है मुझे! हिंदी के लिए
- सठियाये हुओं का बसंत
- सदी की शादी
- सबको सन्मति दे भगवान
- सबसे बड़ा है पईसा पीर
- सबसे सस्ते दिन
- समस्या का हल
- सम्मानित होने का चस्का
- सर जी! मैं अभी भी ग़ुलाम हूँ
- सरकार का पुतला ज़िंदाबाद!
- सरकार की खिंचाई
- सरकार तुम्हारी जय होवे
- सरकारी हवा-हवाई सरकार
- सर्टिफ़िकेट का मामला
- सर्व सम्मति से
- सामाजिक न्याय हेतु मंत्री जी को ज्ञापन
- साम्प्रदायिक सद्भाव इनसे सीखें!
- सारे पते अस्पताल होकर जाते हैं!
- सावधान, वे सड़कों पर घूम रहे हैं
- साहब और कोरोना में खलयुद्ध
- साहब के कुत्ते का तनाव
- साहब पॉज़िटिव हो गए
- साहित्य की हत्या
- साहित्य के मुन्ना भाई
- साहित्य में साहित्य प्रवर्तक अडीशन
- सिंघम रिटर्न ५३ ....
- सिट-डाऊन से आगे . . .
- सियासी गंगा में डुबकी लगाइए और पवित्र हो जाइए
- सिर पर उनकी, हमारी नज़र, हा-लातों पर
- सूअर दिल इंसान से गंगाधर की एक अर्ज
- सूधो! गब्बर से कहियो जाय
- सेवानिवृत्ति व रिटायरमेंट
- सैंया भये कोतवाल
- सॉरी सरजी!
- सो तुम लाख कहौ, हम एक नाईं मानययैं
- सोशल मीडिया और रचना का क्रियाकरम
- सोशल मीडिया के रास्ते प्रसिद्धि के वैकल्पिक सोपान
- सौ साल पहले
- स्टेंडर्ड औपरेटिंग प्रोसीजर
- स्टेट्स श्री में कुत्तों का योगदान
- स्याही फेंकिंग सूची और तथाकथित साली की ख़ुशी
- स्वर्गलोक में पारदर्शिता
ह ऊपर
- हँसना ज़रूरी है
- हनुमान की बेकली
- हम जनसेवक हूँ
- हम फिर शर्मसार हुए
- हम हैं तो मुमकिन है
- हमारी कोविड तैयारी
- हमारी पार्टी ही देश को बचायेगी
- हवाई, हवाई-भत्ता
- हाउ डेयर यू
- हाथ जोड़ता हूँ तिलोत्तमा प्लीज़!
- हाथियों का विरोध ज्ञापन
- हाथी सामान्य हो गया
- हादसा तो होने दे यार!
- हाय रे पुरस्कार
- हाय! मैं अभागा पति
- हिंडी
- हिंदी की खाइए और अंग्रेज़ी की गाइए
- हिंदी दिवस पर एक हल्का- फुल्का आलेख
- हिंदी दिवस, श्रोता शून्य, कवि बस!
- हिंदीभाषी होने का दर्द
- हिन्दी दिवस के मायने
- हिस्टॉरिकल भाषण
- हे देवाधिदेव!
- हैप्पी बर्थडे टू बॉस के ऑगी जी!
- हैप्पी हिन्दी डे
- हैरत इंडियन
- हो जाये एक कप चाय का प्याला
- होली और राजनीति
- होली प्लस महिला सशक्तिकरण