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जेसीबी और विराट माला

चुनाव के बाद विजेता नेता की घोषणा
जेल से नेता की रिहाई
कोर्ट ने नेता को ज़मानत मंज़ूर की
मीडिया में नेता जी पर लगे आरोप, प्रतिमा हुई मलिन 
आयकर विभाग, सीबीआई ने नेता के घर छापा डाला

राजनीति में इस तरह के अनेक प्रसंग आते रहते हैं। इस तरह की स्थिति में कार्यकर्तागण सक्रिय हो जाते हैं। कभी नेता जी का दूध से अभिषेक किया जाता है, कभी मिठाई, किताबों की तुला करके उसे जनता में बाँट दिया जाता है। 

उनकी सहायता के लिए एक विराट जेसीबी एक विराट फूलों की माला लेकर हाज़िर होता है। कार्यकर्तागण नेता जी के स्वागत के लिए एक विराट जनसभा का आयोजन करते हैं। 

एक नव युवा पत्रकार नेता जी का बाइट लेने उनके घर पहुँचा। 

“हार्दिक बधाई, सर, आपकी पार्टी के भीतर निर्णय हुआ था कि स्वागत, अभिनंदन समारोह बिलकुल बिना किसी प्रदर्शन, बिना ख़र्चे किया जाएगा।"

 “जी, हम इस निर्णय का पालन पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में करते हैं, लेकिन जनता के प्रेम और स्नेह के आगे कोई चारा नहीं रहता।” 

“क्या आपने उन्हें पार्टी का निर्णय बताया नहीं?” 

“बताया था लेकिन वह विराट पुष्प माला अनाथ आश्रम के बच्चों ने बनायी थी।” 

“ठीक है लेकिन माला पहनाने के लिए जेसीबी?” 

“आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवार को पार्टी ने जेसीबी दान किया था, उन्होंने यह मुफ़्त सेवा प्रदान की।” 

इस जवाब से संतुष्ट नव युवा पत्रकार ने रिपोर्ट तैयार करके संपादक महोदय के डेस्क पर रख दी। 

संपादक महोदय ने तुरंत रिपोर्ट को फाड़ दिया। माथे का पसीना पोंछते हुए उन्होंने पत्रकार को बुरी तरह डाँट पिलाई। 

“आपको क्या ज़रूरत थी, नेता जी का बाइट लेने की, हमारी नाक साबुत रहने दें, किसी भी संवेदनशील मामले में आपकी खोजी नाक घुसड़ने की आदत ठीक नहीं है, कल ही हमारे चैनल पर नेता जी का अभिनंदन समारोह लाइव कवर किया गया है। 

"प्रशासन ने आपको तुरंत नौकरी से हटाने का निर्णय लिया है। जाइए दूसरी नौकरी ढूँढ़िए।” 

नाराज़ नव युवा पत्रकार अपने घर पहुँचा। वहाँ एक जेसीबी एक विराट पुष्प माला लेकर हाज़िर था। यह देखकर वह चकरा गया। तभी विरोधी पार्टी के नेता ने पत्रकार के गले में विराट पुष्प माला विराट जेसीबी की सहायता से पहना दी। 

विरोधी पार्टी के नेता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “हम सत्ताधारी पार्टी के नेता के भ्रष्ट आचरण की भर्त्सना करते है और निडर युवा पत्रकार की प्रशंसा करते हैं।” 

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