प्रतिबद्धता
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी विजय नगरकर15 Oct 2022 (अंक: 215, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
मूल लेखक: हेरंब कुलकर्णी (मराठी)
मराठी से हिन्दी अनुवाद: विजय नगरकर
समाचार पत्रों के चिकने रंगीन पन्नों पर फ़ैशन, शेयर मार्केट, क्रिकेट, राजनीति और फ़िल्मी दुनिया पर बेअसरदार उबाऊ विशेष रिपोर्ट पढ़कर सामाजिक कार्यकर्ता नाराज़ हुआ।
समाचार पत्र कार्यालय में जाकर उसने संपादक से सवाल किया, “क्या इस देश की ग़रीब जनता से आपका कोई सरोकार नहीं है? क्या आप उनके लिए कुछ नहीं कर सकते?
संपादक ने शांत चित्त भाव से कहा, “नाराज़ मत होना भाई, आज तक हम सप्ताह में 4 विशेष सप्लीमेंट दे रहे थे अब हम कल से आपकी ग़रीब जनता के नाम पाँचवीं सप्लीमेंट प्रकाशित करेंगे लेकिन कोई प्रायोजक लेकर आना।”
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