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शायरी - सजल

क्ष ख् ज्ञ त्र श-ष श्र 1 2 3 4 5 6 7 8 9

  1. अँधेरे में यादों की परछाईं रखता है
  2. अगर प्रश्नों के उत्तर मिल जाते
  3. अब अँधेरा भी शरमा जाता है
  4. अब उजड़े मत गुलशन कोई
  5. अब किनारों की ज़रूरत नहीं
  6. अब किस को जा कर ख़बर लिखाएँ
  7. अब क्या लिखूंँ
  8. अमीर बनाम ग़रीब
  9. अर्पण

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  1. आस्था के अंगद जब से अड़े हैं भाई

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  1. इधर गाँव जा रहा है
  2. इस दुनिया से जुदा बेख़बर हैं लोग
  3. इस प्रेम मार्ग की बात न पूछ
  4. इस शहर की कोई बात कहो

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  1. उठोगे अगर
  2. उस नाम को सब माना
  3. उसकी मजबूरी 
  4. उसने हर बात निशाने पे कही

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  1. एक इम्तिहान में है
  2. एक दिन यक़ीनन
  3. एक फ़ैसला रुका हुआ है

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ऊपर

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  1. और फिर से शाम हो गई है

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  1. कई ख़ुदा मुझको यहाँ तक लाए हैं
  2. करते क्यों हैं? 
  3. कहीं कभी तो कोई रास्ता निकलेगा
  4. काटो काटो पेड़ अनगिनत, उन्नति होगी
  5. कुछ ख़्वाब अभी अधूरे हैं
  6. कोई एक बेचैनी सी

क्ष ऊपर

ख् ऊपर

ऊपर

ऊपर

  1. घायल हैं जज़्बात यहाँ

ऊपर

  1. चन्द पुराने ख़तों के टुकड़े 
  2. चर्चा आम थी

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  1. छूटता गाँव है

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  1. जिसके ग़म में तुम बिखरे हो
  2. जीवन है और कुछ भी नहीं
  3. ज़िन्दगी उनिंदी सी, आँख मलती रह गयी
  4. ज़िन्दगी एक फ़र्ज़ अदाई है
  5. ज़िन्दगी के गीतों की नुमाइश

ज्ञ ऊपर

ऊपर

ऊपर

ऊपर

ऊपर

  1. डरपोक निडर
  2. डूब जाएगा सारा जहाँ

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  1. तन्हाई-पसन्द
  2. तुझे भुलाने की कोशिश में
  3. तुम क्या हो कि
  4. तुम पर क्या ज़ोर चलता बहलने के लिए 

त्र ऊपर

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  1. दरिया आग का 

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  1. नववर्ष के शुभागमन पर पाँच सजलें
  2. नाम याद आता है पीड़ा के क्षण में
  3. निगोड़ा दर्द

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  1. पार हाला है

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  1. फिर किसी रोज़ मुलाक़ात होगी

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  1. बनकर गूँगा सत्य खड़ा है 
  2. बाक़ी कहानी रहनी चाहिए

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ऊपर

  1. मचला है मासूमियत पारा हो जाए 
  2. मन में उठा सवाल
  3. महफ़िल में रक़ीब आए मुस्कुराते हुए
  4. मेरी बात का भरोसा करो
  5. मेरे आईने में तस्वीर हो तुम
  6. मैं भी तमगे लगा के फिरता हूँ

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ऊपर

ऊपर

ऊपर

  1. वह पथ अगम्य
  2. वो बचपन के खिलौने याद आते हैं

श-ष ऊपर

  1. शायद
  2. शिकवा-ए-उल्फ़त

श्र-श ऊपर

ऊपर

  1. सब अपनी कही पत्थरों से
  2. सहेली मेरी
  3. सागौन बबूल भी तुम्हीं रखना

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  1. हद करते हो
  2. हर मुलाक़ात के बाद
  3. हीरा पत्थर इक जैसा है 

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1 ऊपर

2 ऊपर

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