भगवान अंग्रेज़ी नहीं जानते हैं!
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी जयचन्द प्रजापति ‘जय’1 Apr 2024 (अंक: 250, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
भगवान के ऑफ़िस में भर्ती हो रही है। वेकेंसी का फ़ॉर्म भरा जा रहा है। द्विभाषिये की भर्ती जो अंग्रेज़ी और हिंदी और स्थानीय भाषा में दक्ष हो। हर शब्दों का अर्थ जानता हो।
हमारे भगवान सिर्फ़ हिंदी के ज्ञाता हैं। आजकल अंग्रेज़ी का प्रचलन है। भगवान को अंग्रेज़ी में कुछ लोग याद करते हैं जिसके चलते भगवान को दिक़्क़त हो जाती है।
भगवान के ऊपर अंग्रेज़ी ज़रियादी का आरोप है कि जल्दी सुनवाई नहीं होती है। सुनवाई नहीं हो पाने के कारण भगवान के कार्यालय में द्विभाषिये की भर्ती होगी तो मामले का समाधान जल्दी हो जाएगा।
एक बार अंग्रेज़ी फ़रियादी ने भगवान को याद करते हुए कहा कि मेरी दादी माँ को उठा लीजिए। बुज़ुर्ग हो गई हैं। भगवान सोचें माँ को ऊपर उठाने के लिए बोल रहा है। माँ को ऊपर उठा लिया। मामला हाईकोर्ट में है।
इसलिए कहा जा रहा है कि अंग्रेज़ी से नहीं, हिंदी मीडियम में पढ़ो भगवान के घर में जल्दी सुनवाई हो जायेगी। अंग्रेज़ी का भूत सवार है, भगवान को भी परेशानी हो रही है। जिसके कारण भगवान को भी अपनी ऑफ़िस में द्विभाषिये की भर्ती करनी पड़ रही है।
यहाँ ऊपरी आमदनी के चांसेज ज़्यादा हैं। बिना घूस लिए भगवान को सही बात द्विभाषिया नहीं बताएगा जिससे मामले लंबित होंगे तो भगवान को न्यायालय की स्थापना करनी पड़ सकती है।
जज, वकील की यहाँ ज़रूरत पड़ेगी। यहाँ भी न्याय मिलने का आसार नहीं है। चढ़ौती जो ज़्यादा चढ़ाएगा उसकी फ़ाइल पहले पहुँचेगी। फूल माला के दाम बढ़ जायेंगे। आसपास चाय, पान, गुटखे तथा समोसे की दुकान भी खुल जायेगी। बेरोज़गारी ख़त्म हो जायेगी।
हर भाषा के टाइपिस्ट की ज़रूरत होगी। दलालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। नेताओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी। दलाल से ही काम होगा। बिना दलाल के न्याय की आशा सम्भव नहीं।
कई पीढ़ियाँ शहीद हो जाएँगी। न्याय के क्षेत्र में कितने जज वकील का नामोनिशान मिट जायेगा। भगवान को अगर अंग्रेज़ी पढ़ने को फ़ीलिंग होगी तो कोचिंग करना पड़ सकता है। नई दुनिया बस जायेगी। साधारण आदमी न्याय की उम्मीद नहीं कर सकता है। आम आदमी दर-दर ठोकर खाता रहेगा, जब तक भगवान अंग्रेज़ी नहीं सीख लेते हैं।
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