हाथियों का विरोध ज्ञापन
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी सुदर्शन कुमार सोनी15 May 2019
जंगल के हाथी आज सुबह सुबह काफ़ी रोश में गजराजाधिराज के पास एकत्रित हो गये थे। शोर सुनकर वे अपने आशियाने से बाहर निकल आये थे।
गजराजधिराज कहते हैं क्या बात है? कुछ युवा हाथी बिफर पडे़ थे! वे बोले क्या आपने आज का अख़बार नहीं पढ़ा? आपके यहाँ तो न जाने कितने अख़बार आते हैं।
वह बोले कि आज मैं देर से उठा हूँ इसीलिये आज का अख़बार नहीं पढ़ पाया। लेकिन आज तुम्हारे यहाँ जमा होने से अख़बार का क्या संबंध है?
अब एक युवा हाथी चिंघाड़ उठा, "क्यों नहीं है संबंध?? अख़बारों से ही अब हमारी लड़ाई है आज क्या-क्या नहीं लिखा है इन लोगों ने। कोई लिख रहा है कि ’सायकिल की टक्कर से हाथी घायल’, ’सायकिल ने हाथी को कुचला’। एक ने लिखा है कि ’अब सायकिल हाथी को सवारी करवायेगी’। व्यंग्य का कुछ स्तर तो होना चाहिये।"
हाथी समुदाय गजराजाधिराज को तुरंत एक्शन लेने के लिये कह रहा था। उनका कहना था कि हाथी प्रजाति यू.पी. के चुनावी दंगल के कारण लगभग चार माह से अपमान झेल रही है। पहले जगह-जगह मूर्तियाँ ढक दी गयीं। हमें बहुत बुरा लगा, लेकिन हम चुप रहे; मामला ’चुनाव आयोग’ का था; हम भी चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं। इसीलिये कुछ नहीं बोले। एक युवा हाथी जो बाहर से क़ानून की डिग्री लेकर आया था बहुत ज़्यादा उत्तेजित था। वह तो कोर्ट मे रिट पिटीशन लगाने की बात कर रहा था। वह आगे बोला कि पी.आई.एल. दायर करने मे कुछ समय लगेगा। तब तक ’सूचना के अधिकार’ के तहत जानकारी प्राप्त करना उचित होगा कि मीडिया मे इतनी असम्मानजनक बातें जब लिखी जा रही थीं तो ये सरकार कर क्या रही थी?
इसी समय एक दूसरा हाथी जो कि ’पर्यावरण विज्ञान’ मे डिप्लोमा कर रहा था। बोल उठा कि वो मेनका जी कहाँ थीं हमारे मसले पर? ये गहन चुप्पी! अभी टाईगर का मामला होता तो सबने ज़मीन आसमान एक कर दी होती। नंगे से ख़ुदा डरता है।
अंत में विचार विमर्श के बाद यह निर्णय हुआ कि कोई भी हाथी मनुष्यों के धार्मिक कार्यों में अपनी सहभागिता नहीं करेगा, सबसे बडे़ जोकर- मनुष्य के किसी भी सर्कस में कोई करतब नहीं दिखाया जायेगा। जब तक कि सार्वजनिक रूप से माफ़ी नहीं माँग ली जाती है राष्ट्रपति के नाम एक विरोध ज्ञापन भी तत्काल भेजने का निर्णय किया गया। मीडिया मेनेजमेंट के लिये एक "हाथी मेरा सबसे सही साथी" नामक चैनल भी शुरू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
एक माह बाद पुनः मीटिंग के निर्णय के साथ सभा समाप्त हुई।
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