बड़ा आदमी पति
कथा साहित्य | लघुकथा सुदर्शन कुमार सोनी23 Feb 2019
यह बड़ा आदमी बड़े काम करके दिल्ली से जयपुर जहाँ यह बड़े ओहदे पर पदस्थ था आज ही लौटा था। बड़ा काम वैसे कुछ नहीं था यह अपनी पत्नी जो ख़ुद भी एक बड़ा आदमी थी मतलब बहुत बड़े पद पर थी, को दिल्ली में ज़रूरी मीटिंग व ज़रूरी काम का बता कर गया था। लेकिन वहाँ अपने पुरानी दोस्तों से मीटिंग करता रहा था। सरकारी मीटिंग का तो बहाना भर था तीन दिन व तीन रात इसने होटल में अपने मन की मुराद जी भर कर पूरी की जब मन भर गया तो यह दिल्ली मीटिंग ख़त्म कर जयपुर लौट आया।
जयपुर लौटते ही इसका दिल दिमाग नैतिकता की चिंता से भर उठा। इसे पता नहीं कैसे भनक लग गयी थी कि उसके दिल्ली में रहने के दौरान उसकी "बड़ा आदमी पत्नी" से कोई पुराना दोस्त मिलने आया था और दोनों काफी देर तक हँसी ठिठोली करते रहे थे। रात देर हो जाने व अचानक मौसम ख़राब हो जाने से ’बड़ा आदमी पत्नी’ का यह दोस्त घर पर ही रुक गया था। यह जानकर ’बड़ा आदमी पति’ गुस्से से भर उठा था। आते ही उसने ’बड़ा आदमी पत्नी’ को मिस हैंडल करना शुरू कर दिया था, बात तू-तू मैं-मैं से हाथापाई पर आ गयी थी। उसने इस सीन के क्लाईमेंक्स में बेल्ट से पत्नी की पिटाई तबियत से करते हुये सारी हदें पार कर ली थीं तथा पत्नी को मारते-मारते घर की हद के बाहर ले आया था! उसके बंगले की हद के बाहर रहने वाले कुछ पड़ोसियों ने भी यह नैतिकता का ड्रामा देखा।
दिल्ली से फिर पूरी तरह पतित होकर वापिस आये इस ’बड़े आदमी पति’ को ’बड़े आदमी पत्नी’ का कथित नैतिक पतन बिल्कुल पसंद नहीं आया था!
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