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कअमेरिका से भारत को दीवाली गिफ़्ट

अभी तक तो कमाल की कमला की ही भारत के तमिलनाडु के एक गाँव से रिश्तेदारी सुनी थी। कमला हैरिस जिनका कि अब अमेरिका का उप-राष्ट्रपति बनना तय है, ने अभी अपने एक भाषण में कहा भी कि उनकी माँ की उनको आज याद आ रही है जो कि मात्र 19 साल की उम्र में अपने गाँव से अमेरिका आ गयीं थीं। जमैकन पति से तलाक़ के बाद उनकी माँ ने संघर्ष कर अपनी बेटियों को कैसे आगे बढ़ाया ये सब उन्हें याद आ रहा है। 

कोरोनाकाल तो रिश्ते तार-तार होने के समाचारों से अटा पड़ा है। भाई ने भाई को कोरोना होने पर निकाल दिया, बच्चे माँ-बाप का अंतिम संस्कार करने तैयार नहीं हुये। एक जगह तो हद हो गयी; बेटी माँ के शव के पास आने तैयार नहीं हो रही थी लेकिन फोन आया तो उसके शरीर से अँगूठी व अन्य आभूषण लपक के उतार लिए। 

पर हम भारतीय वैसे मौक़े पर रिश्तेदारी खोजने में अव्वल रहते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति किसी बडे़ मुक़ाम को हासिल करता है तो उसके न जाने कितने दूर-पास के रिश्तेदार रातों-रात पैदा हो जाते हैं। ऐसी रिश्तेदारी तब और ज़्यादा निखार पर आती है जबकि ऐसे किसी व्यक्ति की मौत हो गयी हो जो अपने पीछे करोड़ों/अरबों की जायदाद छोड़ गया हो। इस समय उसके एक मात्र वारिस बनने नज़दीकी रिश्तेदार होने व साबित करने के दावे प्रतिदावे देखने लायक़ होते हैं।

गंगू आज इतना प्रसन्न है जितना कि कभी नहीं रहा और मानता है कि बाक़ी देशवासी भी बहुत प्रसन्न होंगे। इसे दीवाली गिफ़्ट मान रहे होंगे। आख़िर यह ऐतिहासिक क्षण है कि न केवल अमेरिकी उप-राष्ट्रपति भारतवंशी हैं। अब तो चीन व पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजा देंगे। इतनी प्रसन्नता तो उसे भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान को हराने पर भी नहीं मिलती है। किसी युवा को मनपसंद नौकरी मिलने की ख़ुशी से भी ज़्यादा ख़ुशी है यह। आख़िर हो क्यों न? उप-राष्ट्रपति अकेले से हमारी रिश्तेदारी नहीं अरे! अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे बाईडन, जो कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विपरीत हमेशा मुस्कराते हुये ही नज़र आते हैं, के भी भारत से रिश्ता होने का दावा नागपुर के एक बाईडन परिवार ने कर दिया है। और जब बाईडन पिछली बार भारत आये थे तो कहते हैं कि लेज़ली बाईडन नाम की उनकी कथित वंशज से उनकी चिट्ठी-पत्री का भी आदान-प्रदान हुआ था। गंगू तो डबल प्रसन्न है कि पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति व उप-राष्ट्रपति ऐसे व्यक्ति बनने जा रहे हैं जो भारत से अच्छी-ख़ासी नाते-रिश्तेदारी रखते हैं। 

हाँ, ख़ास बात है कि ये रिश्तेदारी तभी सामने आती है जब कि सामने वाले के सिर पर ताज पहनाया जाता है। नहीं तो बाईडन महाशय कब से प्रचार कर रहे थे व्हाईट हाऊस में पहुँचने का लेकिन उस समय कोई भारतीय कनेक्शन सामने नहीं आया। कनेक्शन कनेक्ट होता है जब कोई सफलता के उच्च शिखर से कनेक्ट होने को होता है। कमाल की कमला की रिश्तेदारी की बात भी उनके चुनाव जीतने की संभावना के बाद ही उछाल मार रही थी। इसके पहले तो सारी नाते-रिश्तेदारी हाईबरनेशन में पड़ी रही थी!

किसी ओर से घोषित रिश्तेदारी के बावजूद लोगों को पाला बदलने में समय भी नहीं लगता। एक विधानसभा चुनाव में एक युवा कार्यकर्ता सिटिंग एमएलए की पार्टी का झंडा अपनी कार में लगाकर अपने कुछ साथी कार्यकर्ताओं के साथ मतगणना स्थल पहुँचा। वह वहाँ दो-तीन घंटे तो उनके पक्ष में जोशो-ख़रोश से नारे लगाता रहा। लेकिन सातवें चक्र के बाद बाज़ी पलट गयी। तो इस पट्ठे को पलटने में क्षण भर भी नहीं लगा! अब वह विजयी एमएलए के समर्थन में जोशो-ख़रोश से नारे लगा रहा था। और मतगणना के बाद उनकी पार्टी का झंडा लगाकर अपने क़स्बे को लौट रहा था। 

कुल मिलाकर भारतीय आज काफ़ी प्रसन्न हैं सबसे बडे़ लोकतंत्र की सबसे ताक़तवर लोकतंत्र से अच्छी नाते रिश्तेदारी निकल आयी है! ’आज हम भारतीय ऊपर और आसमाँ नीचे है!’

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