अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी रेखाचित्र बच्चों के मुख से बड़ों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

बकवास करना सीखो 

 

अगर आप ज़रा भी चर्चा में नहीं हैं और आपके अंदर ऐसी कोई योग्यता भी नहीं है जो आपको सुर्ख़ियों में ला सके तो आप बकवास कीजिये। बकवास करने वालों का ही भविष्य उज्जवल है। जो बका—वो पका, जो अटका—वो लटका। इस बात को इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि आपको पद, पैसा, पॉवर और पहचान चाहिये तो बकवास कीजिये। 

यह बकवास करने वालों का स्वर्णिम काल है। अगर आप पढ़े-लिखे हैं तो यह बात किसी को बताना नहीं। डिग्री जला दीजिये, पत्थर में लपेट कर कुँए में फेंक दीजिये। भूल कर भी बुद्धिमानी की बात मत करना। होशियारी दिखाओगे तो बेवुक़ूफ़ कह कर हकाल दिये जाओगे। अगर शालीनता छोड़ नहीं सकते, असभ्य हुआ नहीं जाता तो फिर आपके रहने की एक ही जगह है किसी बंकर में छिप जाइये। 

अगर आप आज की परिस्थिति में यह कहते हैं कि मूर्ख आदमी बकवास करता है तो मैं कहूँगा आप बकवास कर रहे हैं। पहले के ज़माने में अनपढ़ और मूर्ख लोग बकवास करते थे। अब पढ़े-लिखे और होशियार लोगों ने उनसे यह अधिकार हथिया लिया है। अब समझदार आदमी बकवास करता है और मूर्ख उसे गली-गली, घर-घर हर मस्तिष्क में पहुँचाता है। साहित्य और कला के क्षेत्र में काम करने वालों की ज़िन्दगी गुज़र जाती है लेकिन उनकी तरफ़ कोई ध्यान नहीं देता और बकवास करने वालों को तुरंत-फुरंत पुरस्कृत कर दिया जाता है। 

अब वह बात कोई बात नहीं और वह बयान कोई बयान नहीं जिसमें बकवास न हो। हम बकवास सुनने के आदि हो गये हैं। सीधी सच्ची बात हमको बकवास लगती है और बकवास बात सुन कर हमारे मुँह से तुरंत निकलता है—वाह क्या बात कही है। 

बकवास से बयान विवादित होता है। बयान को विवादित बनाने के कारख़ाने होते हैं। इन कारख़ानों में सोच समझ कर ऐसे बयान तैयार किये जाते हैं जिनके विवादित होने की गारंटी होती है। ये कंसेप्ट, भाषा, लहजा ही नहीं तैयार करते बल्कि उसे चर्चित करने के लिये इनका मीडिया के साथ क़रार भी होता है। 

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया पर हर बकवास का स्वागत है। यहाँ आपकी बकवास को थोड़ा और मांजा जायेगा। उसमें थोड़ी और चमक और धार पैदा की जायेगी। टीवी के स्क्रीन से निकलते ही आपकी बकवास वहाँ तक पहुँच जायेगी जहाँ तक रवि पहुँचे न कवि पहुँचे। 

पहले बम बना कर सार्वजनिक स्थानों पर फेंके जाते थे लेकिन बम से उतना नुक़्सान नहीं हो रहा था जितने की दरकार थी। बम से तो एक निश्चित स्थान और उसके निश्चित दायरे में ही तबाही होती थी। अलग-अलग स्थान पर बम फेंकने में समय की बहुत बर्बादी होती है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था के इंजीनियरों ने बकवास बयानों का आविष्कार किया। उनकी मेहनत रंग लाई। आज एक बकवास बयान सैकड़ों बमों से ज़्यादा विनाशकारी साबित हो रहा है। इस उपलब्धि पर बकवास करने वाले लोग एक दूसरे को बधाई दे रहे है और जश्न मना रहे हैं। 

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

'हैप्पी बर्थ डे'
|

"बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का …

60 साल का नौजवान
|

रामावतर और मैं लगभग एक ही उम्र के थे। मैंने…

 (ब)जट : यमला पगला दीवाना
|

प्रतिवर्ष संसद में आम बजट पेश किया जाता…

 एनजीओ का शौक़
|

इस समय दीन-दुनिया में एक शौक़ चल रहा है,…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी

पुस्तक समीक्षा

ललित कला

साहित्यिक आलेख

लघुकथा

अनूदित कहानी

कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं