मेरा वो मतलब नहीं था
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी दिलीप कुमार1 Feb 2020 (अंक: 149, प्रथम, 2020 में प्रकाशित)
"जामे जितनी बुद्धि है, तितनो देत बताय
वाको बुरा ना मानिए, और कहाँ से लाय"
देश में धरना-प्रदर्शन से विचलित, और अपनी उदासीन टीआरपी से खिन्न फ़िल्म इंडस्ट्री के कुछ अति उत्साही लोगों ने सोचा कि तीन घण्टे की फ़िल्म में तो वे देश को आमूलचूल बदल ही देते हैं तो क्यों ना वास्तव में वो देश चलाने को सोचें। वैसे सोचना उनको नहीं था। सोच-विचार के लिए स्क्रिप्ट राइटर बैठे हैं और करने के लिए तो उनके डुप्लीकेट हैं ही, सो उन्होंने रिहर्सल शुरू कर दी। फ़िल्म-सिटी में सेट लगाया गया। और ये तय किया जाने लगा कि मंत्रिमंडल में कौन सा पद किसको दिया जाए। डमी के तौर पर फ़िल्म-सिटी मुम्बई में सेट लगाया गया। संसदीय मामलों के लिये और सूचना-प्रसारण मंत्रालय के लिये सर्वसम्मति से कॉमेडियन कपिल शर्मा को चुना गया। वैसे तो वो टीवी टायकून हैं। मगर एक फ़िल्म में हीरो के तौर पर आ चुके हैं।
लेकिन यूट्यूब पर एक पत्रकार को हड़काने, गरियाने और फिर डिप्रेशन का बहाना बनाकर गले लगाने के कारण वो इस लायक़ समझे गये। वो इस बात को साबित करने में माहिर हैं कि मेरा वो मतलब नहीं था। सभापति के रूप में अमिताभ बच्चन के लिये चुना गया, लेकिन उन्होंने बिना पैसा लिए रिहर्सल में आने से इंकार कर दिया, सो अनुराग कश्यप को ये ज़िम्मेदारी मिली। उन्होंने ट्विटर की शपथ ली कि वे चाहे जितनी क़समें खा लें, ट्वीट ना करने की, मगर इस सदन की कार्यवाही को ट्वीट करते रहेंगे। लेकिन चूँकि उन्हें सबकी फ़िल्मों के निर्देशन से कमाना है। इसलिये वो यहाँ किसी की बात को काटेंगे नहीं, सिर्फ़ बीप बजायेंगे। सब अपने-अपने अस्सिटेंट लेकर सदन में पहुँचे, सबको छूट थी कि वो अपने डायलॉग या तो ख़ुद बोलें या उनका असिस्टेंट रिकॉर्ड कर दे, बाद में वीडियो मिक्सिंग करके उसे ट्वीटर पर डाल दिया जाएगा। सभापति अनुराग कश्यप ने सबसे पहले इशारा किया।
आलिया भट्ट -"मैं भारत के राष्ट्रपति मोदी जी और प्रधानमंत्री कोबिन्द जी, वित्त मंत्री जेटली साहब…"
(बीप, बीप, बीप)
आलिया का असिस्टेंट - "कॉमनवेल्थ देशों के अलावा भारत की इकोनॉमी गल्फ़ देशों के साथ व्यापार में तेज़ी से तरक्क़ी कर रही है। आईएमएफ़ ने इंडिया की ग्रोथ फ़ोरकास्ट 6 परसेंट का अनुमान लगाया है। हम 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी जल्द बनेंगे।
(कट, ओके, नाइस, ...तालियाँ बजती हैं)
सोनम कपूर - “मैं दुनिया की सबसे सुंदर महिला तो नहीं हूँ, मगर दुनिया की सबसे सुंदर महिलाओं में से एक हूँ। मेरा हैण्ड बैग दो बार चोरी हो गया है।"
(बीप, बीप, बीप)
असिस्टेंट - “एक लेडी का बैग दो-दो बार चोरी हो जाता है, ये वो इंडिया नहीं है जिसमें मैं पली-बढ़ी हूँ। ये महिलाओं के सम्मान और हक़ की लड़ाई है। भारत की लड़कियाँ अब किसी से पीछे नहीं हैं, तो ब्रिटिश का ज़ुल्म हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इन अँग्रेज़ों को भारत की बेटी का बटुआ लौटाना होगा। गवर्नमेंट को ये मुद्दा कॉमनवेल्थ फ़ोरम पर उठाना चाहिये, देश की बेटियों के हक़ का सवाल है।”
(कट, ओके, ब्रिलियंट…)
वरुण धवन - "पुश अप्स, डांसिंग और पप्पा का कॉम्बिनेशन हो तो सलमान भाई की सक्सेस जुड़वाँ 3 में रिपीट हो सकती है।"
(बीप-बीप-बीप)
असिस्टेंट - "हमारे यूथ गेम्स से बहुत से युवा निकल रहे हैं। गवर्नमेंट के फ़िट इंडिया मूवमेंट के लिये मैं लुमियरे की सेवाएँ देने को तैयार हूँ। हमारे युवा, पढ़ाई करें या ना करें मगर हेल्दी डाइट लें, पापा के पैसे पर और वर्कआउट ज़रूर करें, तभी देश ओलिम्पिक में मैडल ला सकेगा।”
(कट, ओके, परफ़ेक्ट. .)
सोनाक्षी सिन्हा - “पिता के संस्कार, माता का प्यार, लव-कुश जैसे भाई, शत्रुघ्न पिता, राम, भरत, लक्ष्मण जैसे चाचा, रामायण में निवास...”
(ख़ामोश, ख़ामोश, ख़ामोश की ध्वनि के साथ बीप-बीप की आवाज़ आती है)
असिस्टेंट - “भारत के संविधान के आर्टिकल 42 के संशोधन के बाद हमारी संवैधानिक संस्थाएँ बेहद मज़बूत हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार सबको अभिव्यक्ति की आज़ादी है। ट्रोलर्स ने मुझे ट्रोल करके फ़िल्म फ़्लॉप करवाई। दबंग-3 सौ करोड़ कमाती तो देश को कितना राजस्व मिलता। सिनेमा अब उद्योग है, इसलिये सरकार को अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिये फ़िल्मों के हिट होने के का रास्ता क्लियर करना होगा और हीरोइनों के ज्ञान का टेस्ट लेने पर रोक लगानी होगी। ये सवाल नायकों से भी पूछे जाएँ शाहरुख़, सलमान. . ."
(ख़ामोश, कट, ओके)
अभिषेक बच्चन - "यहाँ भी परिवारवाद होना चाहिए कि सुपरस्टार का लड़का ही सुपरस्टार बने। भाई-भतीजावाद से पहले बेटा-बेटीवाद को आश्रय और आरक्षण मिले ।”
(बीप, बीप, बीप. . .)
असिस्टेंट - "सम्मान, परम्परा, अनुशासन ये तीन चीज़ें हैं जिनसे हमारी महान भारतीय परंपरा का निर्माण हुआ है। हमारे पारिवारिक मित्र करण जौहर इस पर फ़िल्में बनाते हैं जिसमें पूरे परिवार की हर स्त्री-पुरुष को रोल मिल जाता है। हम इतने उदार हैं कि पिता एक राजनैतिक पार्टी के प्रति आकृष्ट हो सकता है, और माता दूसरी पार्टी में काम कर सकती है। ये हैं हमारी परम्पराएँ।”
(कट, ओके, फ़ाइन)
स्वरा भास्कर खड़ी होती हैं तभी आवाज़ आती है - “लीड रोल आर्टिस्ट्स विल स्पीक ओनली”।
स्वरा बुदबुदाते हुए बैठ जाती हैं और कुढ़ती रहती हैं।
दीपिका - “मुझे ज़्यादा समझ नहीं है इन मामलों की। अभिनय में तो लेडी अक्षय कुमार हूँ, लेकिन बिना मीडिया सलाहकार के बोलना. . ."
(बीप, बीप. . .स्पीक नथिंग, स्माइल ओनली, इट विल वर्क)
दीपिका - "बड़ी बात ये नहीं है कि क्या बोलना है और किस पर बोलना है। ये तो मुझे पता भी नहीं है, बल्कि बड़ी बात ये है कि हम यहाँ बोलने के लिए खड़े हुए हैं ।”
रणवीर सिंह - "दीपिका चलो, दिल्ली में हमें एक बहुत बड़े मंत्री जी से मिलना है।"
दीपिका असिस्टेन्ट से - "बाक़ी तुम बोल देना या मत बोलना सिर्फ़ खड़ी रहना। मैं जा रही हूँ, जहाँ पिया, वहाँ मैं ।”
ये कहकर दीपिका, रणवीर सिंह का हाथ पकड़े हँसते हुए चली जाती हैं।
(बीप, रुको, सुनो… की आवाज़ आती रहती है, मगर दीपिका-रणवीर सिंह पलट कर नहीं देखते)
तब तक कपिल शर्मा दौड़ते हुए आते हैं और हँसते मगर हाँफते हुए कहते हैं - “किसी ने इस रिहर्सल की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दी है। ट्विटर पर लोगों ने हमारी फ़िल्मों और शोज़ के बॉयकॉट करने की धमकी दी और बॉयकॉट ट्रेन्ड कर रहा है, हमारे प्रोड्यूसर्स भी नाराज़ हो रहे हैं। पब्लिक भड़क गयी है अब ना जाने अब क्या होगा?”
तब तक एक बन्दा हाथ में एक नोटिस लेकर आता है और कहता है, "इधर सेट की बुकिंग सिर्फ़ एक घण्टे की थी, शिफ़्ट पूरी हो गयी। तुरंत ये जगह खाली करो दूसरी पार्टी की बुकिंग है। दूसरी पार्टी को इधर धरना-प्रदर्शन करने और नारे लगाने की रिहर्सल करना है। वैसे एक बात समझ में नहीं आता तुम लोग रिहर्सल इधर करते हो, तो परफ़ॉर्म किधर करते हो?”
सबके चेहरे लटके हुए थे, वो बन्दा इन लोगों को देखकर ख़ुद डिप्रेस हो गया और वहाँ से तुरंत चला गया। सभी ने सामूहिक स्वर में पूछा - "अब क्या होगा, इस पब्लिक की नाराज़गी का।"
कपिल ने कहा, "एक रास्ता है अगर ये साबित हो जाए कि आपने जो कहा, उससे आपको वो मतलब नहीं था।”
"ये साबित होगा कैसे?" सबने सामूहिक स्वर में पूछा।
"रिहर्सल तो आप लोगों ने मुफ़्त कर दी है, लेकिन मैं परफ़ॉरमेंस मुफ़्त नहीं करूँगा, बारी-बारी से सबको अपने शो पर बुलाऊँगा, और फिर आप लोग पब्लिक, मीडिया को समझा देना कि ’वो कहने से मेरा वो मतलब नहीं था’।”
"क्या ऐसा हो पायेगा?" सभी ने सामूहिक स्वर में पूछा।
"आजकल ऐसा ही हो रहा है, जिसे देखो कुछ भी कह देता है, फिर विवाद होता है तो कहने लगता है कि ’मेरा वो मतलब नहीं था’।”
"और अगर पब्लिक फिर पलट कर तुम बिगड़ गयी तो और तुम्हारे ही शो का बॉयकॉट शुरू कर दिया तो?” भीड़ में से किसी ने पूछा।
"तो मैं भी तब यही बात अपने लिए कह दूँगा कि मेरा वो मतलब नहीं था,” कपिल शर्मा ने हँसकर हुए आँख मारते हुए कहा।
आपने इसका मतलब समझा क्या?
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