ज़ाइक़ा
शायरी | नज़्म अजयवीर सिंह वर्मा ’क़फ़स’15 Mar 2025 (अंक: 273, द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)
हुआ वो मेरा दीवाना देखो यारो
मेरे इश्क़ का ज़ाइक़ा देखो यारो
इटालियन मैक्सिकन ख़ास नहीं
कभी चाट का ज़ाइक़ा देखो यारो
कैपुचिनो लेमन टी न पसंद उसे
मेरे ख़ून का ज़ाइक़ा देखो यारो
खाते खाते उँगलियाँ चबा लेते हैं
मेरे हाथों का ज़ाइक़ा देखो यारो
सुनते सुनते मिश्री घुलती कानों में
उसकी बातों का ज़ाइक़ा देखो यारो
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