नवरोज़ मुबारक
शायरी | नज़्म डॉ. मनीष कुमार मिश्रा1 Apr 2024 (अंक: 250, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
नवरोज़ आया है बहारों की आमद लेकर
सुख समृद्धि और शान्ति की दावत लेकर।
प्रकृति सजने लगी है अपने वासंती रंग में
नवरोज़ आया है पैग़ाम ए मोहब्बत लेकर।
शफ़्फ़ाक़ियत, ताज़गी व ख़ुश-गवार फ़ज़ा
यह नवरोज़ आया है ऐसी ही सिफ़ात लेकर।
रंग ए हसरत में देखो तो कितना असर आया
नवरोज़ आया है उम्मीदों का ए’तिमाद लेकर।
बहुत मुबारक हो सभी को ये माह ए नवरोज़
मनाओ नवरोज़ इंसानियत की सौग़ात लेकर।
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
विजिटिंग प्रोफेसर ( ICCR हिंदी चेयर)
ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज
ताशकंद, उज़्बेकिस्तान।
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