मीर ग़ालिब की नस्लें चैट जीपीटी वाले शायर बनेंगे
शायरी | ग़ज़ल डॉ. मनीष कुमार मिश्रा15 May 2023 (अंक: 229, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
मीर ग़ालिब की नस्लें चैट जीपीटी वाले शायर बनेंगे
छा जाएँगे इंटरनेट दुनियाँ पर ये पुष्पा द फ़ायर बनेंगे।
ऑनलाइन डेटिंग, चैटिंग, सेल्फ़ी के बेताज बादशाह
अभी क़तरा हैं देख लेना ये भी एक दिन समंदर बनेंगे।
तकनीक से दो दो हाथ, साथ ही घंटों रियाज़ करते हैं
निराश क्यों हो अम्मी अब्बू, ये यक़ीनन सिकंदर बनेंगे।
हज़ारों ठोकरों के बीच जब, बेरहम सवाल खड़े होंगे
लड़ेंगे जूझेंगे हक़ीक़त से, ग़लत है कि ये कायर बनेंगे।
ये नौकरी की तलाश में नहीं स्टार्ट अप के नायक होंगे
तेज़ रफ़्तार वाली ज़िन्दगी में ये ट्यूब लेस टायर बनेंगे।
इतनी चिंता करने से पहले सोचिए हम आप क्या थे?
यूँ हमारे वालिद भी कहते थे, हम बस फटीचर बनेंगे।
इन हाथ की लकीरों में, अब कौन जाने क्या लिखा है
पर मुझे भरोसा है कि हमारे बच्चे हमसे बेहतर बनेंगे।
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