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शास्त्री कोचासी, ताशकंद 

आज 
02 अक्टूबर 2024 को
लाल बहादुर शास्त्री जी की
जन्म जयंती पर 
लाल बहादुर शास्त्री जी के निशान
ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में 
शास्त्री कोचासी अर्थात्‌
शास्त्री मार्ग/ सड़क
लाल बहादुर शास्त्री स्कूल अर्थात्‌
मकतब 24 
और 
लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र 
के रूप में सुरक्षित देख
इतिहास को 
त्रासदी के आख्यान के साथ साथ
वर्तमान की नींव में भी पा रहा हूँ। 
 
शास्त्री कोचासी पर लगी 
शास्त्री जी की मूर्ति
आने जाने वालों से 
तेज़ गति से भागती गाड़ियों से 
मानो कह रही हो कि 
दुर्घटनाओं के मूल में 
अपनी असावधानी ही कारण हो
यह ज़रूरी नहीं 
बल्कि कई बार 
हम दूसरों की ग़लतियों का भी 
अनायास दंड भोगते हैं। 
 
कहीं पढ़ा था कि 
लाल बहादुर शास्त्री स्कूल
अर्थात्‌्‌्‌ मकतब 24 में लगी
शास्त्री जी की भव्य मूर्ति का अनावरण 
फ़िल्म अभिनेता राज कपूर ने 
सन्‌ 1974 में किया था 
इसी विद्यालय में हिंदी सीख रहे बच्चे
शास्त्री जी की प्रतिमा के पास 
शायद कभी गुनगुना भी देते हों 
राज कपूर का 
मशहूर फ़िल्मी गीत 
‘सब कुछ सीखा हमने . . .’
 
लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र में भी
शास्त्री जी की प्रतिमा है 
जहाँ से 
दो राष्ट्रों के मैत्री पूर्ण संबंधों को 
साहित्यिक, सांस्कृतिक आयोजनों द्वारा 
लगातार निखारा जा रहा है 
क्योंकि संबंधों के ताने बाने में 
अविश्वास की गाँठ 
अच्छी नहीं होती। 
 
आज़ादी के इस अमृत काल में 
मैं शास्त्री जी को ताशकंद से
उस नीलकंठ के रूप में भी
याद करता हूँ 
जो सशक्त भारत की नींव का 
एक अविस्मरणीय योद्धा है। 
 
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
विजिटिंग प्रोफ़ेसर (ICCR हिंदी चेयर) 
ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओरिएंटल स्टडीज
ताशकंद, उज़्बेकिस्तान। 

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