14 नवंबर बाल दिवस
काव्य साहित्य | कविता प्रीति शर्मा 'असीम'15 Nov 2021 (अंक: 193, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
14 नवंबर आज के दिन।
बाल दिवस की स्नेहिल अभिलाषा है।
देश के आत्मसम्मान को सींचा जिसने।
अमर जवाहर चाचा नेहरू की ऐसी गाथा है।
14 नवंबर आज के दिन।
बाल दिवस की स्नेहिल अभिलाषा है।
कहा था . . . जिसने
आज के बच्चे कल का भारत बनाएँगे।
स्वतंत्र भारत का दिया है सपना।
वह स्वर्णिम भारत बनाएँगे॥
सपना देखा सजी बाल-बगिया का जिसने।
अमर जवाहर चाचा नेहरू की ऐसी गाथा है।
14 नवंबर आज के दिन।
बाल दिवस की स्नेहिल अभिलाषा है।
बाल दिवस के मूल उद्देश्य को सार्थक भी बनाना है।
बच्चों की शिक्षा, संस्कार का बीड़ा भी हमें उठाना है।
हर शोषण से बचें बालमन।
नेहरू के भारत को बच्चों की बगिया से सजाना जाना है।
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