विश्व शान्ति . . . होली
काव्य साहित्य | कविता प्रीति शर्मा 'असीम'1 Apr 2022 (अंक: 202, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
रंग ज़िन्दगी का हिस्सा है।
रंग-बिरंगी दुनिया में रंगों का अपना क़िस्सा है।
क्यों . . . हम विश्व शान्ति हेतु प्रयास नहीं कर पाए हैं।
लाल रंग की प्यास में अपनी धरती को,
मनुष्यता के ख़ून से लाल कर आए हैं।
आओ सारे अपनी मेहनत से धरा को हरा-भरा बनाए।
कोई पेट भूखा ना हो।
विश्व से भुखमरी-लड़ाई-झगड़ा हटाऎँ।
रंग-बिरंगे रंगों से विश्व के जन-जन को सजाएँ।
शान्ति रूप सफ़ेद रंग का परचम हम लहराएँ।
युद्ध ख़त्म हो यूक्रेन-रूस का,
इस होली पर विश्व शान्ति होली दिवस मनाएँ।
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