मुसलमान कहता मैं उसका हूँ
शायरी | नज़्म डॉ. तारा सिंह22 Mar 2008
मुसलमान कहता मैं उसका हूँ
हिन्दू कहता मैं उसका हूँ
या ख़ुदा तुम बता क्यों नहीं देते
आखिर हिस्सा मैं किसका हूँ
फ़लक में फँसी है जान मेरी
इन्सान हूँ या मैं फ़रिश्ता हूँ
मंदिर का हूँ या मसजिद का हूँ
राम हूँ, रहीम हूँ या मैं ईशा हूँ
शमां चुप है, आईना परेशां है
आशिक़ शिशदार है, मैं किसका हूँ
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