इश्क़ में
शायरी | नज़्म अंकुर मिश्रा15 Oct 2023 (अंक: 239, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
इश्क़ में जुदाई नहीं होती
मोहब्बत में रुस्वाई नहीं होती
ये तो सौग़ात-ए-उल्फ़त है जाना
आग ये बुझाई नहीं जाती
लोग छोड़ देंगे करना इश्क़ किसी से
बात ये ज़ुबाँ पे लाई नहीं जाती
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