गिला
काव्य साहित्य | कविता-मुक्तक अंकुर मिश्रा15 Sep 2023 (अंक: 237, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
उम्र भर ख़ुद से मुझे बस
इसी बात का गिला रहा
वो जो मेरा कभी था ही नहीं
मैं उसे खोने से डरता रहा
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