सोना और काम
काव्य साहित्य | कविता-मुक्तक डॉ. हरि जोशी23 Feb 2019
जीवन में काम काम,
संग में सोना सोना,
धरती पर सुख ही सुख,
फिर दुख को क्यों ढोना ।
सोना और काम बस दोनों ज़रूरी,
बिना इनके ज़िन्दगी शायद अधूरी।
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