अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

अमरेश सिंह भदौरिया

अजीतपुर, लालगंज
रायबरेली उ. प्र,
मेरी आंरभिक शिक्षा गाँव में ही हुई। आगे की शिक्षा लालगंज में संपन्न हुई। वर्ष 2001 में स्नातक की परीक्षा कानपुर विश्वविद्यालय से पास की।
यहीं से साहित्य के प्रति प्रेम उत्पन्न हो गया।
अर्थाभाव के कारण कभी गुजरात तो कभी पंजाब तो कभी महाराष्ट्र आदि जगहों पर जाना पड़ा। इसके बावजूद भी साहित्य साधना निरंतर चलती रही। एक समय वर्ष 2009 में जब कैंसर की बीमारी से ग्रसित हुआ, तो लगा कि अब सब कुछ यहीं थम गया। लेकिन शायद ईश्वर को कुछ और ही मंज़ूर था। उसकी वजह से मेरा उपचार पहले पंजाब में फिर लख़नऊ में बाद में कानपुर में और अंत में टाटा अस्पताल मुम्बई में हुआ। अब मैं स्वस्थ हूँ ,और एक विद्यायल में अध्यापन कार्य कर रहा हूँ।

लेखक की कृतियाँ

पुस्तक समीक्षा

कविता

लघुकथा

कहानी

कविता-मुक्तक

हास्य-व्यंग्य कविता

गीत-नवगीत

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं