अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

हरबीर लुधियानवी

प्रिंसिपल हरबीर लुधियानवी (प्रिंसिपल हरबीर सिंह ग्रेवाल) २०१२ से टोरोंटो क्षेत्र में कार्यरत हैं। साहित्य में इनकी प्रमुख विधा ग़ज़ल है। ग़ज़ल को बहर में लिखने में विश्वास रखते हैं।

शिक्षा दीक्षा गाँव के ग्रामीण स्कूल से लेकर विभिन्न शहरों जैसे फ़िरोज़पुर, कपूरथला, बनारस, बेंगलोर, नागपुर, अमृतसर, फ़रीदकोट, लुधियाना इत्यादि की संस्थाओं में होने के कारण विभिन्न भाषाओं पर इनकी पकड़ मज़बूत है।

इनकी ग़ज़लें दैनिक ट्रिब्यून चंडीगढ़ व हिन्दी टाइम्स टोरोंटो में छपती रही हैं। २०१३-२०१४ में इनका कॉलम ’तीसरा आयाम’ हिन्दी टाइम्स टोरोंटो में ६/७ मास तक छपता रहा है।
इनकी पंजाबी ग़ज़लें रोज़ाना अजीत जालंधर, साहित्यिक पत्रिका त्रिशंकु लुधियाना, अजीत वीकली टोरोंटो व पंजाब स्टार टोरोंटो में छपती रही हैं।

२०१० में इनकी लिखी ग़ज़लों की ऑडियो सीडी ’शौक़ बेज़ुबान’ रिलीज़ हुई थी। २०११ में ’शौक़ बेज़ुबान’ की वीडियो सीडी भी रिलीज़ हुई थी।

प्रकाशित पुस्तकें : २०११ में ग़ज़ल संकलन ’शौक़ बेज़ुबान’ उर्दू/हिन्दी संस्करणों में
२०१२ में ग़ज़ल संकल ’दर्द बानिशान’ उर्दू/हिन्दी संस्करणों में चेतना प्रकाशन, लुधियान ने प्रकाशित किये थे। तीसरे ग़ज़ल संकलन की उर्दू/हिन्दी पाण्डुलिपियाँ भी कई वर्ष से तैयार पड़ी हैं। इसके अतिरिक्त पंजाबी के दो ग़ज़ल संकलनों की पाण्डुलिपियाँ  तैयारी के अन्तिम चरण में हैं।

अन्य शौक़ : पामिस्ट्री, न्यूमरोलोजी व एस्ट्रोलोजी में रुचि रखते हैं वह १९८१ से शौक़िया इसकी प्रैक्टिस कर रहे हैं।

लेखक की कृतियाँ

कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं