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हरि प्रकाश राठी

शिक्षा: एमकॉम, सीए,आई.आई.बी
सम्प्रति: स्वैच्छिक सेवा निवृति वर्ष 2001 (यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया)
जन्मतिथि: सितम्बर 1955
साहित्यिक उपलब्धियाँ: 
कथा-संग्रह:
01. अगोचर, 02. साँप-सीढ़ी, 03. आधार, 04. पीढ़ियाँ, 05. पहली बरसात, 06. माटी के दिये, 07. नेति-नेति, 08. कायनात, 09. प्रतिनिधि कहानियाँ 10 एवं 11, हरिप्रकाश राठी की कहानियाँ भाग-1 एवं भाग-2, 12. कहानी-संग्रह ’उसकी बीवी एवं अन्य कहानियाँ’ 
निबन्ध-संग्रह: 
1. समय, सत्य और संवेदना,  2. अब तो सच कहो, 3. किसके रोके रुका है सवेरा    

कतिपय कहानियों का अंग्रेज़ी अनुवाद ’आन द विंग्स ऑफ कुरजां’ भी वर्ष 2015 में प्रकाशित हुई है।
- राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित राजस्थान के विशिष्ट कथाकारों का रचना संग्रह ’कहानी दर कहानी’ में ‘कच्ची धूप’ कहानी प्रकाशित है।
- अब तक क़रीब 140 से ऊपर कहानियाँ लिखी है। शताधिक कहानियाँ राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों/पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। राजस्थान साहित्य अकादमी की मासिक पत्रिका ’मधुमति’ में भी अब तक 15 कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। 
- राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न अखबारों में सामयिक, राजनैतिक एवं अन्य विषयों पर 500 से अधिक लेख सम्पादकीय पृष्ठ पर छप चुके हैं।

सामाजिक गतिविधियाँ: ‘कम्यूनिटी वेलफ़ेयर एवं क्रिएटीविटी ट्रस्ट’ के मार्फ़त परिवार परिवेदना प्रकोष्ठ बनाकर पारिवारिक परिवेदनाओं का निराकरण करना। अब तक प्राप्त सैकड़ों दाम्पत्य एवं अन्य पारिवारिक परिवेदनाओं का सफल निस्तारण किया है। अनेक साहित्यिक, सामाजिक विषयों पर जगह-जगह उद्बोधन हुए हैं। रोटेरी क्लब के तहत भी पोलियो निवारण एवं अन्य अनेक लोकोपकारी गतिविधियों में समय-समय पर सहभागिता दी है। ज्योतिष की सकारात्मक भूमिका पर भी अनेक आलेख लिखे हैं तथा इस विषय पर विश्वविद्यालयों में भी उद्बोधन दिये हैं। आकाशवाणी पर भी कई कहानियाँ प्रसारित हुई हैं। 

सम्मान: 
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर–

राष्ट्रीय स्तर पर–

राज्य स्तर पर–

लेखक की कृतियाँ

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