अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

नागेन्द्र दत्त वर्मा

जन्म : गोरखपुर (उ.प्र)
शिक्षा : प्रारम्भिक गोरखपुर में, इलाहाबाद से एम.ए. (इतिहास)
साहित्य सृजन : साहित्यिक अभिरुचि उन्हें अपने पिता प्रो. सत्यचरण शास्त्री जी से विरासत में मिली जो कि साठ के दशक में ब्रिटिश वेस्ट इंडीज़ में भारत के राजदूत थे। बाद में उन्हें नेहरू जी ने राज्य सभा में मनोनीत किया।
नागेन्द्र जी की कविताएँ और आलेख हिन्दी और अँग्रेज़ी के समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
उनकी पुस्तक “देवभूमि” में भारत के तीर्थस्थलों (हरिद्वार से बद्रीनाथ तक) की प्राकृतिक सुन्दरता और उनकी महत्ता का चित्रण करती हुई; नागेन्द्र जी की काव्य प्रतिभा का परिचय देती है।
संप्रति : ज्वाइंट डाइरेक्टर टूरिज़म से सेवानिवृत्त। अब लखनऊ में निवास

लेखक की कृतियाँ

कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं