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शामिख फ़राज़

पैदाइश, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले में। पढ़ना और लिखना इनका शौक़ है। बचपन चंपक, बालहंस जैसी हिंदी की क़िस्से कहानियाँ पढ़ने में गुज़रा। यूँ तो शामिख़ फ़राज़ ने उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में M।Tech करने के बाद एक निजी यूनिवर्सिटी में बतौर इंजीनियरिंग लेक्चरर काम किया। लेकिन इंजीनियरिंग की किताबों से वक़्त निकाल कर साहित्य की किताबें पढ़ना पसंद था। इसी वजह से हिंदी उर्दू के लेखकों प्रेमचंद, महादेवी वर्मा और सादत हसन मंटो के अलावा विदेशी लेखकों लियो टालसटॉय, अन्तोन चेखव, मैक्सिम गोर्की, ओ हेनरी को भी पढ़ा। पढ़ने के बाद लिखना शुरू किया। कभी किसी अख़बार के लिए लिखा तो कभी इंटरनेट पर। नज़्म, ग़ज़ल, आर्टिकल और तकनीकी स्तंभ लिखना इन का शग़ल है। इनकी रचनाएँ हिंदी अख़बारों के साथ साथ अनुभूति, सृजन गाथा, रचनाकर, हिंद-युग्म जैसी वेब पत्रिकाओं पर भी मौजूद हैं। कुछ तकनीकी मैगज़ीन के तकनीकी स्तंभकार भी रह चुके हैं। ए पी जे अब्दुल कलाम के जीवन पर लिखी किताब "ए पी जे अब्दुल कलाम-- A Man Beyond The Orbit" और एक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुका है। इसके अलावा इनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी दर्ज है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के सभी गवर्नर्स के हस्ताक्षरित नोटों का कलेक्शन बनाने के लिए।

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