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इला प्रसाद

जन्म : झारखंड की राजधानी राँची में।
शिक्षा : राँची विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से भौतिकी में पी.एच. डी. एवं भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, मुम्बई में सी. एस.आइ आर. की शोधवृत्ति पर शोध परियोजना के अन्तर्गत कुछ वर्षों तक शोध कार्य। 
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक शोध पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित। 
छात्र जीवन में काव्य लेखन की शुरूआत। प्रारंभ में कॉलेज पत्रिका एवं आकाशवाणी तक सीमित।
सम्प्रति : टॉमबॉल कॉलेज, ह्यूस्टन, यू एस ए में भौतिकी एवं गणित का प्राध्यापन।
रचना कर्म : साहित्य से जुड़ाव और अपने को अभिव्यक्त कर पाने की क्षमता उस वातावरण की देन है जो मेरे घर में सहज सुलभ था। यही वह है कि वैज्ञानिक शोध कार्य के दिनों में भी लेखन क्षमता पल्लवित होती रही। पहली रचना "इस कहानी का अंत नहीं" जनसत्ता, भारत में सन 2002 में प्रकाशित हुई। उसी वर्ष अमेरिका आने के बाद यह सिलसिला विश्व हिन्दी न्यास की पत्रिका हिन्दी जगत के माध्यम से बना रहा। तब से लगभग सभी प्रमुख वेब पत्रिकाओं में कवितायें, कहानियाँ प्रकाशित। इला नरेन के नाम से भी लेखन। 
नार्वे से प्रकाशित द्विभाषी पत्रिका "स्पाईल" (दर्पण) एवं लन्दन से प्रकाशित "पुरवाई" में कहानी "ई मेल" का पुन: प्रकाशन। कहानी "रोड टेस्ट " का तेलुगु लेखक एवं पत्रकार शंकर नाग द्वारा तेलुगु में अनुवाद। “तलाश" कविता वेब-पत्रिका अनुभूति एवं भारत से प्रकाशित पत्रिका “कथाक्रम" में प्रकाशित। एक काव्य संग्रह "धूप का टुकड़ा" प्रकाशनाधीन। अपने अधूरे, अनाम उपन्यास पर पिछले वर्ष से कार्यरत।
रुचि : लेखन के अतिरिक्त योग, रेकी, बागवानी, फाटोग्राफी एवं पुस्तकें पढ़ने में रुचि।

 

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