कार्तिकेय गर्ग का जन्म मध्यप्रदेश के रीवा ज़िले के एक छोटे से गाँव मेथोरी में जुलाई २००९ में हुआ। बहुत कम अवस्था में ही आप समाचार पत्रों, मंचों, पुस्तकों आदि में सक्रिय हो गए। आप बघेली बोली व हिंदी में साहित्य साधना की है, आपकी भाषा सरल, सरस प्रभावपूर्ण है जिससे श्रोताओं, पाठकों के मन मस्तिष्क में बात सीधे उतर जाती है। आपकी रचनाएँ निरंतर समाचार पत्रों आदि में प्रकाशित होती रहती हैं।
युवा कवि कार्तिकेय गर्ग की रचनाओं में ग्रामीण, निर्धन वर्ग आदि को बड़ी नज़दीकी से व्यक्त किया गया है। आप अपनी हास्य व्यंग्य रचनाओं से श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर कर देते हैं, इसी कारण आपका लोगों के प्रति लगाव है। सफ़र की रेखाएँ नामक पुस्तक जो कि साझा संग्रह है उसमें आपकी 14 रचनाएँ सम्मिलित हैं। वर्तमान में आप साहित्य साधना के साथ साथ अध्यनरत हैं।
लेखक की कृतियाँ
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं